चंपाई सोरेन का बयान: आदिवासी समाज की बेटियों का अपमान चिंता का विषय
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
*सरायकेला:* झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने अपने एक्स पोस्ट पर आदिवासी समाज की बेटियों के अपमान को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने लिखा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस देश में नारी के सम्मान की रक्षा के लिए रामायण और महाभारत जैसे युद्ध हुए, वहीं सत्ता के मद में चूर एक अहंकारी व्यक्ति हमारे आदिवासी समाज की बेटी का अपमान करने का दुस्साहस कर रहा है।
सोरेन ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, "कभी-कभी सोचता हूँ तो लगता है कि क्या हमने इसी दिन के लिए झारखंड आंदोलन किया था?" उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में कोई भी व्यक्ति मुंह उठाकर बड़े-बुजुर्गों और बहु-बेटियों पर अवांछित टिप्पणी कर देता है, और "आदिवासी हित का दंभ भरने वाली सरकार" मूकदर्शक बन जाती है।
परिवर्तन की आवश्यकता
चंपाई सोरेन ने सवाल उठाया कि ऐसे तत्वों को हमारी बहु-बेटियों का अपमान करने की "हिम्मत" कहां से मिलती है। उन्होंने इस परिस्थिति में बदलाव की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि झारखंड में "परिवर्तन" जरूरी है।
यह बयान झारखंड में सामाजिक न्याय और आदिवासी अधिकारों के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दे सकता है, और यह दर्शाता है कि राज्य में नारी और आदिवासी समाज के प्रति सम्मान बनाए रखना कितना आवश्यक है।
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