योगी जी का बुलडोजर सुप्रीम कोर्ट ने जब्त किया - बृन्दा कारात

Politics

बांटने और काटने वाले ही बंटेगें तो कटेंगें का नारा दे रहे हैं
अडानी और अंबानी के रखवालों की नजर यहां की प्राकृतिक संपदा पर-प्रकाश विप्लव
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

देवघर:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी का आतंकी बुलडोजर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जब्त कर लिया गया है. अब वे बिना 'बुलडोजर' के चुनाव प्रचार करने के लिए मजबूर हैं. इसलिए उन्होंने  '' बंटोगे तो कटोगे'' के नए नारे का इजाद किया है लेकिन झारखंड के मतदाता इसका माकूल जवाब देते हुए झारखंड में डबल इंजन की सरकार नहीं बनने देंगें. यह बात आज देवघर में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) द्वारा आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पार्टी की पोलिट ब्यूरो सदस्य व पूर्व सांसद बृन्दा कारात ने कही. 
वे संताल परगना में 6 दिवसीय चुनाव प्रचार करने के बाद आज देवघर से नयी दिल्ली जाने के क्रम में मीडिया से बात कर रही थी. उन्होंने कहा कि दुसरे चरण के चुनाव में भी हम जहाँ चुनाव नहीं लड़ रहे हैं वहां भाजपा को सीधी टक्कर देने वाले प्रत्याशियों का समर्थन कर रहे हैं. 
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पार्टी के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव 
ने कहा कि झारखंड के संताल परगना प्रमंडल के 18 विधानसभा सीटों में से 4 सीटों जामताड़ा, जामा, पाकुड़ और महेशपुर विधानसभा सीटों पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने अपने प्रत्याशियों को चुनाव मैदान मे में उतारा है. उन्होंने कहा कि आजादी सात दशक बाद भी यहां के एक बड़े इलाके में पीने के साफ पानी के लिए लोग भटकते रहते हैं. और दूसरी ओर यहां के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के सेवकों के यहां से करोड़ों रुपये बरामद हो रहें हैं. 
इस पुरे क्षेत्र में बिजली की आंख-मिचौली और पेयजल के भारी संकट की स्थिति को देखकर लगता है कि यहां के आम लोग कितनी मुश्किल और परेशानी में जीते हैं. केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 से 2024 के बीच 2658 हेक्टेयर वनभूमि ग्राम सभा को दर किनार कर खनन के लिए दे दी है. जिससे यहां के आदिवासी और अन्य गरीब बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. उसी प्रकार

इस क्षेत्र में जमीन का सवाल एक प्रमुख सवाल है क्योंकि देशी विदेशी कंपनियों और कार्पोरेट घरानों की नजर यहां की खनिज संपदा पर  है.हाल ही में यहां  निजी कंपनियों को  कोयला खनन के लिए कोल ब्लाक आवंटित किए गए हैं. ये निजी कोल कंपनियाँ यहां के आदिवासियों और अन्य गरीबों की जमीन की रक्षा के लिए बने संताल परगना काश्तकारी कानून की धज्जियाँ  उड़ाते हुए  स्थानीय दलालों के माध्यम से रैयतों के जमीन की लूट जारी रखे हुए हैं. अमरा पाड़ा के पचुआडा कोल ब्लाक के समीप बसे गांवों में इन दलालों का इतना आतंक है कि आम आदिवासी रैयत कंपनी के खिलाफ मुंह तक नहीं खोलते हैं. दुसरी ओर सार्वजनिक क्षेत्र के उधम कोल इंडिया की कंपनी ईसीएल ने भी कोयला खनन का काम कुख्यात आउटसोर्सिंग  कंपनियों के हवाले कर दिया है जिन्हें न तो कामगारों के हितों की परवाह है और न ही रैयतों के अधिकारों की. इस मुद्दे पर यहां के निर्वाचित सांसद और विधायक अघोषित रुप से निजी कंपनियों के पक्ष में ही खड़े रहते हैं. 
मोदी सरकार द्वारा कोयला उधोग का निजीकरण  किए जाने की दिशा में कदम उठाते हुए कार्पोरेट घरानों को कोल ब्लाकों की नीलामी के माध्यम से कोयला खनन के लिए यहां कोल ब्लाक आवंटित किए गए. इसलिए निजी कंपनियों द्वारा जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. सरकारी क्षेत्र की कोयला कंपनी ईसीएल ने भी किसानों की अधिग्रहण की गई जमीन का मुआवजा, पुनर्वास और नौकरी दिए जाने का सैकड़ों मामला लंबित रखा है. 
है. इसलिए सीपीआई (एम) इन विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं से अपील करती है कि नफरत और विभाजन फैलाने वाली ताकतों को हराएं  और सीपीआई (एम) प्रत्याशियों को हथौड़ा - हंसुआ और तारा चुनाव चिह्न पर वोट देकर  विजयी बनाएं ताकि झारखंड विधानसभा में सीपीआई (एम) समेत वाम - धर्मनिरपेक्ष शक्तियों की संख्या बढ़ायी जा सके और एक बेहतर झारखंड के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ा जा सके.
प्रेस वार्ता में ट्रेड यूनियन नेता अखिलेश्वर पांडे, प्रतीक मिश्रा और सुधीर रंजन भी मौजूद थे.

 ऐसी ही और खबरों के लिए देखें www.newsmediakiran.com

Related Post