'आप ही इसकी जड़ हैं...': मणिपुर के सीएम ने चिदंबरम पर पलटवार किया, उन पर 'म्यांमार के विदेशी' को लाने का आरोप लगाया
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
मणिपुर : मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्य में चल रहे संकट के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। चिदंबरम ने ट्वीट किया था कि 5000 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस जवानों को भेजना मणिपुर संकट का समाधान नहीं है और यह सुझाव दिया कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को तुरंत हटाया जाना चाहिए।
चिदंबरम की आलोचना
चिदंबरम ने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि वास्तविक समाधान के लिए अधिक समझ और शासन कौशल की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "मेइतेई, कुकी-जो और नगा एक राज्य में तभी साथ रह सकते हैं जब उनके पास वास्तविक क्षेत्रीय स्वायत्तता हो।" उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वे अपनी जिद छोड़कर मणिपुर का दौरा करें और वहां के लोगों से उनकी समस्याओं के बारे में सीधे बातचीत करें।
मुख्यमंत्री का जवाब
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने चिदंबरम की टिप्पणियों पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कांग्रेस पर मणिपुर की समस्याओं के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस के समय में केंद्रीय नेताओं की अनदेखी के कारण हमें कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।" सिंह ने आरोप लगाया कि चिदंबरम जब गृह मंत्री थे, तब उन्होंने म्यांमार से एक संदिग्ध व्यक्ति को लाने का निर्णय लिया था, जो वर्तमान संकट का एक महत्वपूर्ण कारण है।
अवैध प्रवासियों का मुद्दा
सिंह ने यह भी बताया कि मणिपुर में संकट का एक बड़ा कारण अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या है, जो स्वदेशी लोगों पर हावी होने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने जो समस्याएं पैदा की हैं, वे इतनी आसानी से अपने हाथ नहीं धो सकते।"
हिंसा और सुरक्षा स्थिति
इस बीच, मणिपुर में स्थिति बिगड़ती जा रही है। केंद्र ने राज्य में 5000 अतिरिक्त अर्धसैनिक बल भेजने का निर्णय लिया है। हाल के दिनों में हिंसा बढ़ गई है, जिसमें जिरिबाम जिले में भाजपा और कांग्रेस कार्यालयों में तोड़फोड़ शामिल है। इम्फाल घाटी में प्रदर्शनकारियों ने भाजपा और कांग्रेस विधायकों के आवासों में आग लगा दी है।
कांग्रेस ने पिछले साल मई में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी की मणिपुर यात्रा नहीं करने पर आलोचना की है। इस हिंसा में 220 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। चिदंबरम ने प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने और संकट का समाधान करने की मांग दोहराई है, यह कहते हुए कि "5000 जवानों को मणिपुर भेजना समाधान नहीं है।"
निष्कर्ष
मणिपुर में चल रही स्थिति गंभीर बनी हुई है, और राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। इस संकट का समाधान निकालने के लिए सभी पक्षों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि राज्य में शांति और स्थिरता लौट सके।
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