झारखंड की शेरनी कल्पना सोरेन ने जनसभा में दिखाया जोश, कहा - आदिवासी अस्मिता की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
जमशेदपुर: झारखंड की शेरनी के नाम से विख्यात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी सह समाजसेविका और नेता कल्पना सोरेन ने जनसभा को संबोधित करते हुए झारखंड के लोगों को एकजुट होकर अपने अधिकारों की लड़ाई जारी रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि झारखंड के राज्य बनने के बावजूद आदिवासी अस्मिता और जल, जंगल, जमीन की रक्षा की लड़ाई खत्म नहीं हुई है।
कल्पना सोरेन ने अपने भाषण में केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड की महिलाओं के लिए "मईया सम्मान योजना" जैसे कल्याणकारी योजनाएं लागू करते हैं, तो केंद्र सरकार उन पर दबाव बनाकर उन्हें जेल भेजने की कोशिश करती है। उन्होंने दावा किया कि इस योजना का लाभ 55 लाख महिलाओं को मिल चुका है, और यह झारखंड के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष राज्य में समाज को बाँटने का काम कर रहा है, जबकि "इंडिया" गठबंधन राज्य को एकजुट रखने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा, "झारखंड का हर गांव एक शहीद की कहानी कहता है। लेकिन केंद्र सरकार राज्य का पैसा रोक कर बैठी है।"
कल्पना सोरेन ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस सरकार ने महिलाओं की उन्नति के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि झारखंड में सबसे अधिक समय तक राज भाजपा ने किया, लेकिन अब वह राज्य के विकास में अड़चनें डालने का काम कर रही है।
उन्होंने जनता से आह्वान करते हुए कहा, "मैं यहां आई हूँ कि आप सभी क्रमांक एक पर पंजा छाप पर बटन दबाकर बन्ना भईया के हाथों को मजबूत करें। हमें दिशोम गुरु शिबू सोरेन के सपनों का राज्य बनाना है और हेमंत सरकार को फिर से सत्ता में लाना है। यह चुनाव हमारे हक और अधिकारों को पाने के लिए लड़ा जा रहा है।"
कल्पना सोरेन ने यह भी कहा कि इस चुनाव में ऐसे षड़यंत्रकारी लोगों को सबक सिखाने का वक्त आ गया है, जो जात-पात और धर्म के नाम पर समाज को बाँटने का काम कर रहे हैं। जनसभा में उन्होंने मानगो फ्लाइओवर जैसी बड़ी परियोजनाओं का जिक्र करते हुए हेमंत सोरेन सरकार की विकास योजनाओं की सराहना की और महागठबंधन को विजय दिलाने की अपील की।
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