एनसीसी के कैडर का राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका: संजय सेठ
एनसीसी के कैडर का राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका: संजय सेठ
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
*नई दिल्ली:* केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री भारत सरकार संजय सेठ ने आज नई दिल्ली के लाल किले परिसर में एनसीसी (नेशनल कैडेट कॉर्प्स) एवं एनएसएस (नेशनल सर्विस स्कीम) वालंटियर्स द्वारा आयोजित 78वें स्वतंत्रता दिवस के पूर्व उत्सव कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में एनसीसी और एनएसएस के 2000 वॉलिंटियर्स ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि
इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा, "जब हम आज 78वें स्वतंत्रता दिवस के रूप में उत्सव मना रहे हैं, यह हमें उन सभी वीर सपूतों को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने का भी अवसर प्रदान करता है, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। हमें अपने वीर सैनिकों पर गर्व है।"
एनसीसी का योगदान
उन्होंने एनसीसी और एनएसएस के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि एनसीसी का कैडर हमेशा देश के हर विपरीत परिस्थिति में खड़ा रहता है। चाहे वह कोविड के समय जरूरतमंद लोगों की सेवा हो, प्राकृतिक आपदाएं हों, या राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान, एनसीसी का योगदान हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण रहा है।
संजय सेठ ने कहा, "एनसीसी संगठन बधाई के पात्र हैं, जो राष्ट्रीय कार्यक्रमों में हमेशा अपना योगदान देते आ रहे हैं। राष्ट्र निर्माण में एनसीसी कैडर की महत्वपूर्ण भूमिका है और विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में इनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।"
युवा पीढ़ी में राष्ट्रीय भावना का संचार
रक्षा राज्य मंत्री ने एनसीसी की विशेषता पर भी प्रकाश डाला, जिसमें यह युवा अवस्था में ही राष्ट्रीय सर्वोपरि की भावना को जागृत करता है। उन्होंने कहा, "एनसीसी के कैडर भारत देश के भविष्य हैं और भारत को परम वैभव एवं प्रगति के नए शिखर पर ले जाने में आपका महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।"
पुरस्कार वितरण और हौसला अफजाई
इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री श्री सेठ ने एनसीसी कैडर के बच्चों के बीच पुरस्कार का वितरण किया और बच्चों का हौसला अफजाई की। कार्यक्रम में एनसीसी के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल गुरवीर पाल सिंह, जेएस सेरेमोनियल अमित प्रसाद और एनसीसी कैडर के सभी अधिकारी भी मौजूद रहे।
इस प्रकार, यह कार्यक्रम न केवल स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक उत्सव था, बल्कि यह एनसीसी के कैडर के योगदान को भी मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।
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