केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय का पटना दौरा: वक्फ बोर्ड, बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षा और बिहार की राजनीति पर बयान

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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय का पटना दौरा: वक्फ बोर्ड, बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षा और बिहार की राजनीति पर बयान

 

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

*पटना* - केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने हाल ही में पटना दौरे के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने वक्फ बोर्ड, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा और बिहार की राजनीति पर चर्चा की।

वक्फ बोर्ड पर राय का बयान

नित्यानंद राय ने वक्फ बोर्ड के संबंध में कहा कि सरकार की सोच और उसमें संशोधन के प्रावधान को लेकर विपक्ष को तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का उपयोग अल्पसंख्यक समाज के महिलाओं, बच्चों और गरीबों के लिए कैसे किया जा सकता है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा, "यह मामला जेपीसी में जा चुका है, जहां इस पर चर्चा और विचार-विमर्श होगा।"

ओबीसी और एसटी/एससी आरक्षण पर स्पष्टीकरण

राय ने ओबीसी और एसटी/एससी आरक्षण में क्रीमी लेयर के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, "मोदी सरकार ने स्पष्ट किया है कि बाबा साहब के संविधान में एससी और एसटी के आरक्षण का प्रावधान क्रीमी लेयर को शामिल नहीं करता है।"

बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षा पर चिंता

बांग्लादेश में हाल ही में गठित नई सरकार के संदर्भ में राय ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री और उनकी सरकार बांग्लादेश की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वहां हिंदू सुरक्षित रहें। गृह मंत्री ने इस मुद्दे पर उच्च स्तरीय समिति बना दी है और सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है।"

बिहार की राजनीति पर टिप्पणी

तेजस्वी यादव की राजनीतिक यात्रा को लेकर नित्यानंद राय ने कहा, "तेजस्वी यादव की राजनीतिक यात्रा समाप्त हो गई है। अपने उपमुख्यमंत्री के कार्यकाल में उन्होंने छह विभागों में लूटने का काम किया है। उनके यात्रा करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। नरेंद्र मोदी के विकास की गंगा बिहार में बह रही है। अब बिहार में जात-पात की राजनीति नहीं, बल्कि विकास की राजनीति होगी।"

निष्कर्ष

नित्यानंद राय के ये बयान विभिन्न मुद्दों पर केंद्र सरकार की नीतियों और दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि बिहार में विकास के लिए एक नई दिशा की आवश्यकता है, जहां सभी वर्गों को समान अवसर मिलें।

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