भाकपा माले की केंद्रीय कमेटी की बैठक में दलितों और अल्पसंख्यकों के उत्थान पर मंथन

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भाकपा माले की केंद्रीय कमेटी की बैठक में दलितों और अल्पसंख्यकों के उत्थान पर मंथन

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता   

धनबाद : भाकपा माले की केंद्रीय कमेटी की दो दिवसीय बैठक मंगलवार से मैथन में शुरू हुई. पहले दिन मार्क्सवादी समन्वय समिति के भाकपा माले में विलय का स्वागत किया गया. इस दौरान पार्टी ने दलित और अल्पसंख्यकों के उत्थान पर मंथन किया. बैठक में पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य के अलावा बिहार के दोनों सांसद, कई राज्यों के विधायक, बिहार, झारखंड, बंगाल समेत देश के कई राज्यों के नेता शामिल हो रहे हैं. अध्यक्षता पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वदेश भट्टाचार्य, बिहार राज्य सचिव कुणाल, शशि यादव, उत्तरप्रदेश के कृष्णा अधिकारी, आंध्रप्रदेश के एन मूर्ति, झारखंड के पूर्व राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने की. केंद्रीय कमेटी ने कहा कि विलय की इस प्रक्रिया से न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश में वाम कतारों में नया उत्साह पैदा हुआ है. कमेटी ने सोमवार को संपन्न एकता रैली के संदेश को झारखंड के मूलवासियों तक ले जाने का आह्वान किया. साथ ही, विकासमान अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय परिस्थिति पर भी चर्चा की. बैठक के दौरान मासस के विलय के बाद पूर्व विधायक आनंद महतो और अरूप चटर्जी व हलधर महतो को सेंट्रल कमेटी में शामिल किया गया. तीनों को जगह देने के बाद सेंट्रल कमेटी के सदस्यों की संख्या बढ़कर 90 हो गयी है.

चर्चा के ये रहे विषय : महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने देश की विकासमान राजनीतिक परिस्थिति पर चर्चा की शुरुआत की. मुख्य रूप से यूरोप में धुर दक्षिणपंथ की बढ़त के दौर में फ्रांस में संयुक्त वामपंथ का उभार, बांग्लादेश के घटनाक्रम का उपयोग भारत में बांग्लादेश विरोधी-अप्रवासी विरोधी मुस्लिम विरोधी घृणा अभियान के रूप में करने, दलित-आदिवासी समाज में उप-वर्गीकरण, वक्फ बोर्ड का सवाल, उच्चतम न्यायालय द्वारा बुलडोजर न्याय पर की गयी टिप्पणी, गौ रक्षा के नाम पर मुस्लिमों-दलितों पर हमले, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा और उसके बाद महाराष्ट्र व झारखंड में आगामी चुनावों, आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भयावह बलात्कार और हत्या के बाद उभरे जनप्रतिरोध आदि विषयों पर चर्चा की गयी.

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