तेजस्वी यादव का नीतीश कुमार पर हमला: बिहार की समस्याओं का जिम्मेदार कौन? बिहार में महंगाई, बेरोजगारी और अपराध की स्थिति पर सवाल

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तेजस्वी यादव का नीतीश कुमार पर हमला: बिहार की समस्याओं का जिम्मेदार कौन?

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
बिहार में महंगाई, बेरोजगारी और अपराध की स्थिति पर सवाल

पटना:नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार में व्याप्त रिकॉर्डतोड़ महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी और अपराध के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा पर तीखा हमला किया है। उन्होंने यह सवाल उठाया कि आखिर कब तक नीतीश कुमार दूसरों पर दोष मढ़कर अपनी जिम्मेदारी से भागते रहेंगे। तेजस्वी यादव ने यह बयान उन मुद्दों के संदर्भ में दिया, जो पिछले 15 वर्षों से बिहार की जनता को प्रभावित कर रहे हैं।

एनडीए सरकार की जिम्मेदारी

तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में पिछले 15 वर्षों से भाजपा और एनडीए की सरकार है, और केंद्र में भी इनकी डबल इंजन सरकार पिछले 10 वर्षों से कार्यरत है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके 17 महीनों के शासनकाल में नौकरी, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में रिकॉर्डतोड़ नियुक्तियां और विकास कार्य हुए हैं।

बिहार की खस्ता हालत

तेजस्वी यादव ने बिहार की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के सतत विकास सूचकांक में बिहार सबसे नीचे है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि:

- *गरीबी उन्मूलन में*: बिहार सबसे नीचे है।
- *आमदनी में*: बिहार की स्थिति देश में सबसे कम है।
- *भुखमरी में*: बिहार शून्य भुखमरी के मामले में सबसे पीछे है।
- *गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और लैंगिक समानता में*: बिहार सबसे पीछे है।

समस्याओं का समाधान

तेजस्वी यादव ने यह स्पष्ट किया कि बिहार में महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी और अपराध की समस्याएं गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि:

- *महंगाई*: बिहार देश में सबसे अधिक महंगाई का सामना कर रहा है।
- *गरीबी*: देश में सबसे अधिक गरीब बिहार में हैं।
- *बेरोजगारी*: बिहार में बेरोजगारी की दर सबसे अधिक है।
- *अपराध*: बिहार में अपराध की दर भी सबसे अधिक है।

निष्कर्ष

तेजस्वी यादव ने बिहार की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार की जिम्मेदारी पर जोर दिया और जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया कि कब तक वे अपनी सत्तालोलुप्ता और स्वार्थपूर्ति के लिए बिहार को संकट में डालते रहेंगे। यह बयान बिहार की राजनीतिक स्थिति में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, जो आगामी चुनावों में प्रभाव डाल सकता है।

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