प्रधानमंत्री मोदी ने 114वीं बार "मन की बात" कार्यक्रम में जल संरक्षण और स्वच्छता पर जोर दिया
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
*नई दिल्ली:* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 114वीं बार "मन की बात" कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने इस कार्यक्रम की 10 साल की यात्रा को याद किया और इसे भावुक कर देने वाला बताया।
मन की बात की यात्रा
पीएम मोदी ने कहा, “मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार. आज का यह एपिसोड मुझे भावुक कर देने वाला है। यह मुझे बहुत सारी पुरानी यादों से भर रहा है।” उन्होंने बताया कि जब वह मन की बात से जुड़ी हर घटना और पत्र को याद करते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे वह जनता जनार्दन के दर्शन कर रहे हैं, जो उनके लिए सर्वशक्तिमान हैं।
जल संरक्षण पर जोर
प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण के महत्व पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ हफ्तों से देश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। बारिश का यह मौसम हमें याद दिलाता है कि ‘जल संरक्षण’ कितना महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने झांसी की महिलाओं का उदाहरण दिया, जिन्होंने घुरारी नदी को नया जीवन देने का कार्य किया है। ये महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं और जल सहेली बनकर इस अभियान का नेतृत्व कर रही हैं।
इसके अलावा, मध्य प्रदेश के डिंडोरी के रायपुरा गांव में एक बड़े तालाब के निर्माण से भूजल स्तर में सुधार होने की बात भी कही गई, जिससे वहां की महिलाओं को लाभ मिला है।
वेस्ट टू वेल्थ मंत्र की लोकप्रियता
पीएम मोदी ने "स्वच्छ भारत मिशन" की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि "वेस्ट टू वेल्थ" मंत्र अब लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। उन्होंने बताया कि लोग अब रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल के बारे में चर्चा करने लगे हैं, जो एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का आह्वान किया, ताकि देश को एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाया जा सके।
इस प्रकार, "मन की बात" कार्यक्रम ने न केवल सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया बल्कि लोगों को प्रेरित करने का कार्य भी किया।
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