एजाज अहमद को नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में 20 साल की सश्रम कारावास की सजा

Crime

एजाज अहमद को नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में 20 साल की सश्रम कारावास की सजा

 

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

पलामू: जिला व्यवहार न्यायालय के जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ पोक्सो एक्ट के स्पेशल जज अभिमन्यु कुमार की अदालत ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के आरोपी लेस्लीगंज थाना अंतर्गत मुंदरिया निवासी एजाज अहमद (63 वर्ष) को 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा, अदालत ने एजाज अहमद पर 25,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर उसे 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।

*मामले का विवरण*

पीड़िता, जो लेस्लीगंज थाना अंतर्गत मुंदरिया की निवासी है, ने महिला थाना डाल्टनगंज में एजाज अहमद के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। यह मामला महिला थाना कांड संख्या 3/2023 के तहत 18 जनवरी 2023 को भारतीय दंड विधान की धारा 376 और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 4 के तहत दर्ज किया गया था।

*आरोप:*

अभियुक्त एजाज अहमद पर आरोप था कि उसने वर्ष 2019 से पीड़िता के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध कई बार शारीरिक संबंध बनाए। अभियोजन पक्ष के अनुसार, एजाज अहमद पीड़िता के घर में अकेला पाकर उसे धमकाता था कि यदि उसने विरोध किया तो वह अपने पार्टी के सदस्यों से उसे मरवा देगा। अभियुक्त ने पीड़िता को चाकू से डराकर उसके साथ दुष्कर्म किया और चिल्लाने की कोशिश करने पर उसका मुंह और गला दबा देता था।

*प्रकरण का खुलासा:*

17 जनवरी 2023 को जब पीड़िता ट्यूशन पढ़ने के लिए डाल्टनगंज आई थी, तभी एजाज अहमद ने उसका पीछा किया। पीड़िता ने इस घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी, जिन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया। पीड़िता के लिखित प्रतिवेदन पर महिला थाना डाल्टनगंज में मामला दर्ज किया गया था।

*अदालत का निर्णय:*

अदालत में प्रस्तुत सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर एजाज अहमद को दोषी पाया गया। जज अभिमन्यु कुमार ने अभियुक्त को 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके अतिरिक्त, 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

*निष्कर्ष:*

यह फैसला लैंगिक अपराधों के प्रति अदालत की सख्त रुख को दर्शाता है और पीड़िता के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अदालत ने यह सुनिश्चित किया कि अभियुक्त को उसके अपराध के लिए उचित सजा मिले, जो समाज में एक स्पष्ट संदेश देता है कि ऐसे अपराधों को सहन नहीं किया जाएगा।

---

यह खबर समाज में बढ़ते हुए लैंगिक अपराधों के प्रति लोगों को जागरूक करने और ऐसे अपराधियों को सजा दिलाने की दिशा में एक अहम भूमिका निभाती है।

Related Post