गिरिडीह की अदालत ने अवैध क्लिनिक और नशीली दवाइयों का कारोबार करनेवाले फर्जी डॉक्टर को सुनायी 4.5 साल की सजा, 1.10 लाख जुर्माना

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गिरिडीह की अदालत ने अवैध क्लिनिक और नशीली दवाइयों का कारोबार करनेवाले फर्जी डॉक्टर को सुनायी 4.5 साल की सजा, 1.10 लाख जुर्माना

गिरिडीह-अवैध क्लिनिक का संचालन कर नशीली दवाइयों का कारोबार करने के मामले में प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश की अदालत ने हीरोडीह के किमापहरी निवासी जमाल अंसारी को साढ़े चार साल की सजा सुनायी है. साथ ही एक लाख 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. एनडीपीएस एक्ट 22 के तहत एक साल की सजा और 10,000 रुपये जुर्माना और ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक एक्ट के तहत साढ़े तीन साल की सजा के साथ-साथ एक लाख का जुर्माना लगाया गया है. दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी.

अवैध क्लिनिक का करता था संचालन

ये मामला हीरोडीह थाना क्षेत्र के बसकुपाय गांव का है. जिला प्रशासन को सूचना मिली थी कि बसकुपाय गांव में एक अवैध क्लिनिक और दवा दुकान का संचालन किया जा रहा है. सूचना के बाद जमुआ के तत्कालीन प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बालमुकुंद राय ने 31 जनवरी, 2013 को उक्त क्लिनिक में छापेमारी की और भारी मात्रा में अवैध दवा के साथ-साथ कई उपकरण भी बरामद किये. जांच-पड़ताल में अधिकारियों को जानकारी मिली कि जमाल अंसारी नामक व्यक्ति अवैध क्लिनिक का संचालन कर रहा है. इसके साथ-साथ घर से ही दवाईयां भी अवैध तरीके से बेची जा रही है.

क्लिनिक में नशीली दवाइयों का किया जाता था कारोबार

छापेमारी के दौरान अधिकारियों को जानकारी मिली कि कई अवैध कार्यों का संचालन उक्त क्लिनिक में किया जा रहा था. नशीली दवाईयां भी छापेमारी में बरामद की गयी. सूचना के मुताबिक एक लंबे समय से नशीली दवाईयां उक्त अवैध दवाखाना से बेची जाती थी. साथ ही गर्भपात जैसे अवैध कार्य भी उक्त क्लिनिक में कराया जा रहा था. पूछताछ के क्रम में यह भी स्पष्ट हुआ कि जमाल अंसारी फर्जी डॉक्टर के रूप में क्लिनिक में काम कर रहा था. जब जांच अधिकारियों ने जमाल अंसारी से मेडिकल की डिग्री प्रस्तुत करने को कहा तो वह कोई भी डिग्री दिखा पाने में असफल रहा. छापामारी के बाद हीरोडीह थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी.

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