मणिपुर में ताजा हिंसा: कर्फ्यू, इंटरनेट बैन और नेताओं के घरों पर हमले

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न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
मणिपुर : राज्य में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं, जहां राजधानी इंफाल सहित 7 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। यह हिंसा हाल ही में 6 लोगों की हत्या के बाद भड़की, जिनमें 3 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल थे। उनके शव जिरिबाम जिले में मिले हैं, और आरोप है कि उन्हें मिलिटेंट ने अगवा किया था।

कर्फ्यू और इंटरनेट बैन

उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में बढ़ती हिंसा के मद्देनजर पश्चिमी इंफाल, बिश्णुपुर, थोबल, काचिंग, कोंगपोकपी और चुराचांदपुर जिलों में दो दिन के लिए कर्फ्यू लागू किया गया है। इंफाल घाटी में हुई इस हिंसा के कारण लोग भयभीत हैं, और सुरक्षा बलों को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।

विधायकों के घरों पर हमले

बेकाबू भीड़ ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के घर पर हमला किया और उनके दामाद सहित तीन विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की। भीड़ ने विधायक आर. के. आइमो के घर पर भी हमला किया और वहां फर्नीचर को आग लगा दी। इस दौरान सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का सहारा लिया।

महिलाओं और बच्चों की हत्या

मणिपुर में ताजा हिंसा की शुरुआत तब हुई जब 6 लोगों को मिलिटेंट द्वारा अगवा किया गया और उनकी हत्या कर दी गई। इन लोगों के शव जिरिबाम जिले में एक नदी किनारे पाए गए हैं। मृतकों के शवों को असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज के मुर्दाघर में रखा गया है, जहां उनका पोस्टमार्टम किया जाएगा।

पिछले साल से जारी जातीय हिंसा

यह स्थिति पिछले साल 3 मई से चल रही जातीय हिंसा का परिणाम है, जिसमें मैतेई समुदाय और कुकी समुदाय के बीच संघर्ष हुआ था। इस हिंसा में लगभग 200 लोगों की जान गई है और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। मणिपुर की स्थिति गंभीर बनी हुई है, और स्थानीय प्रशासन इसे नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

निष्कर्ष

मणिपुर की स्थिति चिंताजनक है और सरकार को जल्द से जल्द स्थिति को सामान्य करने की आवश्यकता है। नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि इस तरह की हिंसा को रोका जा सके।

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