जज साहब जब खुद हो गए ठगी के शिकार-एक फोन कॉल आया और

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जज साहब जब खुद हो गए ठगी के शिकार, एक फोन कॉल आया और.... अब पहुंचे पुलिस के पास

{दोपहर 12:35 बजे की कॉल झारखंड के जमशेदपुर के निकट एक स्थान से की गई थी.}

 

देश में साइबर अपराध का जाल तेजी से फैलता जा रहा है. इसका ताजा उदाहरण राजधानी दिल्‍ली में देखने को मिला, जहां एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को ही अपराधियों ने अपना निशाना बना दिया. आरोप है कि साइबर अपराधियों ने छह घंटे तक जज के मोबाइल के मैसेजिंग ऐप पर कब्जा करके रखा. इस दौरान कॉल किए गए. साथ ही उनके दोस्तों से 1.10 लाख रुपये ठग लिए गए. अधिकारियों ने कहा कि रोहिणी जिला अदालत के न्यायाधीश से यह पता लगाने का भी अनुरोध किया कि मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से किसी ने उनकी शिकायत पर ध्यान क्यों नहीं दिया और कैसे उनके मोबाइल सेवा प्रदाता ने उनके नंबर से कॉल को एक अज्ञात नंबर पर फॉरवर्ड कर दिया.

मामले में रोहिणी जिला साइबर पुलिस ने धोखाधड़ी से जुड़ीं भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318 (4) और 319 (2) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. न्यायाधीश ने शिकायत में कहा कि 11 जुलाई को दोपहर 12:35 बजे उनके मोबाइल फोन पर अज्ञात नंबर से कॉल आई और बताया गया कि एक ‘कूरियर बॉय’ बैंक दस्तावेज देने के लिए उनके घर के बाहर इंतजार कर रहा है. रोहिणी साइबर पुलिस द्वारा साझा की गई प्राथमिकी के अनुसार, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) को ‘कूरियर बॉय’ को कॉल करने के लिए कहा गया ताकि वह उनके घर के सुरक्षाकर्मी को दस्तावेज सौंप सके. इसके बाद एसएमएस के जरिए न्यायाधीश के फोन पर एक नंबर भेजा गया.

कॉल करते ही फोन हैक…
एफआईआर में एएसजे ने कहा कि वह कुछ दस्तावेजों की प्रतीक्षा कर रहे थे और चूंकि वह ‘अपने न्यायिक कार्य में व्यस्त थे’, इसलिए वह उनके जाल में फंस गए और उन्होंने उस नंबर पर कॉल कर ली. न्यायाधीश के पास एसएमएस का ‘स्क्रीनशॉट’ (तस्वीर) है. एफआईआर के अनुसार जब उन्होंने उस नंबर पर कॉल की तो उनका मैसेजिंग एप्लीकेशन अकाउंट तुरंत दूसरे डिवाइस पर रजिस्टर हो गया, जिसके बाद उन्हें एक एसएमएस प्राप्त हुआ और उनकी कॉल और एसएमएस कथित (अज्ञात) नंबर पर डायवर्ट कर दिए गए.

शाम तक हैक रहा फोन…
एफआईआर में आगे कहा गया, ‘इस बीच मुझे पता चला कि एक व्यक्ति ने मेरे मैसेजिंग अकाउंट का इस्तेमाल करके पैसे मांगने शुरू कर दिए हैं. मैंने तुरंत रोहिणी के साइबर थाने के पुलिस अधिकारी को फोन किया.’ न्यायाधीश ने अपना बैंक अकाउंट भी ब्लॉक करवा दिया. अधिकारियों ने एफआईआर का हवाला देते हुए बताया कि साइबर पुलिस टीम की मदद से वह शाम करीब 5:20 बजे अपने मैसेजिंग एप्लीकेशन को दोबारा इस्तेमाल कर पाए.

दोस्‍तों से मांगे पैसे…
उन्होंने बताया कि पता लचा है कि उनके मैसेजिंग अकाउंट को अंतिम बार बिहार के सिवान से इस्तेमाल किया गया था और दोपहर 12:35 बजे की कॉल झारखंड के जमशेदपुर के निकट एक स्थान से की गई थी. एएसजे ने कहा कि इससे पहले कि वह अपने मैसेजिंग अकाउंट को दोबारा इस्तेमाल कर पाते, उन्हें ‘पता चला कि मेरे दो दोस्तों ने 1.10 लाख रुपये हस्तांतरित कर दिए हैं.”

 

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