एक और किडनी रैकेट का पर्दाफाश-आठ गिरफ्तार-गुजरात-पंजाब समेत कई राज्यों में थे सक्रिय

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Delhi: एक और किडनी रैकेट का पर्दाफाश, आठ गिरफ्तार; गुजरात-पंजाब समेत कई राज्यों में थे सक्रिय

 

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक और किडनी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सरगना समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही, दो किडनी डोनरों और पांच मरीजों को पूछताछ के लिए बुलाया है। बीते दिनों भी बांग्लादेश के किडनी रैकेट का पर्दाफाश हुआ था।



गिरोह के तार दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात तक फैले हुए हैं। इन राज्यों के 11 अस्पतालों में किडनी प्रत्यारोपण को अंजाम दिया जाता था। आरोपी किडनी प्राप्तकर्ता से 35 से 40 लाख रुपये लेते थे और डोनर को सिर्फ 5 से 6 लाख रुपये देते थे। अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि रोहिणी की महिला शिकायतकर्ता ने संदीप और विजय कुमार कश्यप उर्फ सुमित के खिलाफ शिकायत दी कि इन दोनों ने किडनी प्रत्यारोपण के बहाने उसके पति से 35 लाख रुपये ठग लिए।


एसीपी रमेश लांबा की टीम ने 26 जून को लखनऊ निवासी आरोपी सुमित को नोएडा से गिरफ्तार किया। 28 जून को गिरोह के सरगना उत्तराखंड के संदीप आर्य और देवेंद्र को गोवा के पांच सितारा होटल से गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के पास से 34 फर्जी टिकट, 17 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 9 सिम, 1 लग्जरी कार, डेढ़ लाख नकद, मरीजों/प्राप्तकर्ताओं और डोनर के जाली दस्तावेज और फाइलें बरामद की गई हैं। 


अस्पतालों में ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर की नौकरी कर सीखते थे प्रक्रिया
आरोपी पहले प्रतिष्ठित अस्पतालों में ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर की नौकरी हासिल कर किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया सीखते थे। फिर उन्हीं अस्पतालों में किडनी प्रत्यारोपण को अंजाम देते थे। दिल्ली, फरीदाबाद, मोहाली, पंचकूला, आगरा, इंदौर व गुजरात के अस्पतालों से मरीजों की पहचान करते थे। आरोपी डोनरों को सोशल मीडिया के जरिये तलाशते थे।


किडनी दानकर्ता निम्न आय वर्ग के लोग थे। उन्होंने पैसों के बदले किडनी दी थी। दानकर्ताओं को प्राप्तकर्ता का करीबी रिश्तेदार दिखाने के लिए जाली दस्तावेज तैयार करते थे। दानदाताओं को 5 से 6 लाख के बीच भुगतान किया जाता था। गिरोह प्राप्तकर्ता से 35 लाख से 40 लाख रुपये तक वसूला था।

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