मांड्या जिले में गणेश विसर्जन के दौरान पत्थरबाजी

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मांड्या जिले में गणेश विसर्जन के दौरान पत्थरबाजी

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

कर्नाटक: कर्नाटक के मांड्या जिले के नागमंगला कस्बे में 11 सितंबर को गणेश विसर्जन के दौरान हुई हिंसा ने एक बार फिर साम्प्रदायिक तनाव को जन्म दिया है। गणेश प्रतिमा के जुलूस पर मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा पत्थरबाजी की गई, जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई। इस घटना में अब तक 56 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 90 अन्य की तलाश जारी है।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने इस मामले में 10 प्राथमिकी दर्ज की हैं और एक पुलिस इंस्पेक्टर, अशोक कुमार, को निलंबित कर दिया गया है। अशोक कुमार पर आरोप है कि उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरती, जो पिछले साल की गणेश चतुर्थी के दौरान भी देखी गई थी। मांड्या के एसपी मल्लिकार्जुन बालादंडी ने बताया कि बदरीकोप्पलु गाँव का क्षेत्र संवेदनशील था और वहां सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई जा सकती थी।

घटना का विवरण

गणेश विसर्जन के दौरान जब जुलूस मस्जिद के पास पहुंचा, तो वहां मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ तीखी बहस हुई। इसके बाद उपद्रवियों ने जुलूस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी और कुछ लोगों को हथियार भी दिखाए। इस हमले में कुछ पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हुए। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 25 दुकानों में लूटपाट, तोड़फोड़ और आगजनी की गई, जबकि कई वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया।

प्रशासनिक प्रतिक्रिया

घटना के बाद, शिक्षण संस्थानों में छुट्टी कर दी गई है और इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है। पुलिस ने CCTV फुटेज के आधार पर आरोपितों की पहचान करने का काम शुरू कर दिया है। मांड्या जिला अदालत ने पहले गिरफ्तार किए गए 52 आरोपितों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

साम्प्रदायिक तनाव का इतिहास

कर्नाटक में यह पहली बार नहीं है जब गणेश विसर्जन के दौरान हिंसा हुई है। इससे पहले गुजरात के सूरत, लखनऊ, वडोदरा, और कच्छ में भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई हैं, जहां मुस्लिम समुदाय ने गणेश विसर्जन पर विरोध जताया था।

निष्कर्ष

इस घटना ने कर्नाटक में साम्प्रदायिक सौहार्द को चुनौती दी है। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं, लेकिन स्थानीय समुदायों के बीच संवाद और समझ बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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