Jharkhand News: मजदूरी का भुगतान किए बिना मस्टर रोल डिलीट, दर-दर भटक रहे मनरेगा मजदूर

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न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

धनबाद: झारखंड के धनबाद जिले के गोविंदपुर प्रखंड क्षेत्र की बिराजपुर पंचायत में मनरेगा योजना में कथित रूप से कमीशन के लेनदेन में मजदूरों का मजदूरी भुगतान किए बिना मजदूरों का मस्टर रोल डिलीट (शून्य) कर देने का मामला प्रकाश में आया है. दर्जनों मजदूर अपनी मजदूरी लेने के लिए पंचायत भवन बिराजपुर का चक्कर काट रहे हैं. सोमवार को दर्जनों आक्रोशित मजदूर और लाभुक पंचायत भवन पहुंचे और मजदूरी भुगतान करना होगा के नारे लगाये. काफी देर रुकने के बाद जब पंचायत भवन नहीं खुला तथा मुखिया के नहीं आने पर मजदूर और लाभुक स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी जताते हुए अपने-अपने घर वापस लौट गये.

क्या है मामला
बिराजपुर पंचायत में मनरेगा के तहत मेढ़बंदी (फिलबांड) और अबुआ आवास की कुल 22 योजनाएं चल रही हैं. इन 22 योजनाओं में कुल 212 मजदूर काम कर रहे हैं. इन मजदूरों को काम करने के बाद भी मजदूरी भुगतान नहीं मिला है. मजदूरी के लिए मजदूर दर-दर भटक रहे हैं.

केस स्टडी 01
बिराजपुर पंचायत के सपनपुर-नीमटांड़ गांव निवासी लाभुक गणेश रजवार की जमीन में मेढ़बंदी का काम चल रहा है. इसका वर्क कोड संख्या 3421003011/if/70809027633273 व मस्टर रोल संख्या 10855 है. इस योजना दिनांक 26-09-2024 से 2-19-2024 तक कुल छह मजदूरों को काम करते हुए दिखाया गया है. लेकिन एक सप्ताह का समय पूरा होने के बाद भी मजदूरों को भुगतान नहीं मिला है.

केस स्टडी 02
बिराजपुर पंचायत के बिराजपुर गांव में लाभुक सुजीत पांडेय की जमीन में मेढ़बंदी का काम किया गया है. इसका वर्क कोड संख्या 3421003011/if/7080902858993 व मस्टर रोल संख्या 10833 है. इस योजना में कुल 11 मजदूरों को दिनांक 26-09-2024 से लेकर 2-10-2024 तक काम करते हुए दिखाया गया है. लेकिन इन्हें मजदूरी नहीं मिली.

उठ रहे सवाल : आखिर मजदूरों को कौन देगा मजदूरी?
मनरेगा में मजदूरों को देर से पेमेंट करने का कोई प्रावधान नहीं है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि अब मजदूरों को उसकी मजदूरी कौन देगा. मनरेगा के साइट में एफटीओ (फंड ट्रांसफर ऑर्डर) संख्या जेएच 3421003011101024 A P B एफटीओ संख्या 240078 में मजदूरी पेमेंट 3,11,640 (तीन लाख 11 हजार छह सौ चालीस रुपये) व एफटीओ संख्या 200079 में 34,344 (34 हजार तीन सौ 44 रुपये) कुल 3,45,984 रुपये मजदूरों की भुगतान राशि गत दिनांक 10 अक्तूबर तक मनरेगा की साइट पर दिख रहा था. लेकिन 12 अक्तूबर को मस्टर रोल डिलीट कर शून्य कर दिया गया. इस कारण अब मजदूरों का मजदूरी भुगतान मनरेगा प्रावधानों के तहत नहीं हो पायेगा.

मुखिया ने अपने लॉगइन से नहीं छोड़ा पेमेंट
रोजगार सेवक व पंचायत सेवक ने अपने-अपने लॉग इन से मजदूरों का पेमेंट छोड़ दिया है. लेकिन, मुखिया ने अपने लॉग इन से पेमेंट नहीं छोड़ा. इस कारण मस्टर रोल डिलीट (शून्य) हो गया है. मनरेगा में मजदूरों को एक दिन की मजदूरी 272 रुपये मिलती है.

क्या कहते हैं लाभुक?
मेरी जमीन में मेढ़बंदी का काम चल रहा है. रोजगार सेवक व पंचायत सेवक ने अपने-अपने लॉगइन से मजदूरों का पेमेंट छोड़ दिया है. मुखिया ने अपने लॉगइन से पेमेंट नहीं छोड़ा. अब मजदूरों को उसका मजदूरी कौन देगा. अधिकारी जांच कर कार्रवाई करें.
गणेश रजवार, लाभुक
मजदूर लगाकर अपनी जमीन में मेढबंदी करायी. लेकिन मजदूरों को मजदूरी नहीं मिली. मुखिया पेमेंट छोड़ने के लिए कुल स्टीमेट का 10 प्रतिशत कमीशन पहले मांग रहे हैं. कमीशन नहीं देने के कारण मजदूरों का भुगतान नहीं मिल रहा है.
सुजीत कुमार पांडेय, लाभुक
काम कराने के बाद भी मजदूरों को मजदूरी नहीं मिली. दुर्गा पूजा में पैसों की तंगी से मजदूर परेशान रहे. इस वजह से मजदूर मायूस हैं. इस मामले में सब कोई को मिलकर समाधान निकालना चाहिए. मजदूरों के हक का पैसा मिलना ही चाहिए.
रोहित महतो, लाभुक


क्या कहते हैं मनरेगा मजदूर? 
मेढ़बंदी योजना में एक सप्ताह काम किया. लेकिन मजदूरी नहीं मिली. लाभुक व मुखिया से मजदूरी मांग, मांग कर थक गये. लेकिन मजदूरी नहीं मिली. कर्जा लेकर दुर्गा पूजा पार किया.
शशिलाल कुम्हार
मधुगोड़ा में मिथुन साव की मेढ़बंदी योजना में काम किया. लेकिन मजदूरी नहीं मिली. ऋण लेकिन दुर्गा पूजा पार किया. अब महाजन सिर पर खड़ा है. क्या करें समझ में नहीं आ रहा है.
अरुण महतो

अबुआ आवास का भी भुगतान नहीं मिला
बिराजपुर निवासी लाभुक ललिता देवी को अबुआ आवास योजना की मजदूरी नहीं मिली. इनका भी मस्टर रोल संख्या 10854 डिलीट कुल 10 मजदूरों की मजदूरी (शून्य) कर दिया गया है. जबकि इनके आवास की दीवार जोड़ाई का काम पूरा हो गया है. अबुआ आवास में सरकार दो लाख रुपये लाभुक को बैंक खाते में देती है. वहीं मनरेगा के तहत 25 हजार रुपये मजदूरी मिलती है.

क्या कहते हैं, रोजगार सेवक?
रोजगार सेवक विश्वजीत चौधरी ने कहा कि उन्होंने और पंचायत सेवक ने अपने-अपने लाग इन से मजदूरों का मजदूरी भुगतान छोड़ दिया है. लेकिन मुखिया ने पेमेंट नहीं छोड़ा. अब उच्च अधिकारी ही इस मामले में कुछ कर सकते हैं.

रोजगार सेवक मनमानी कर रहे, फाइल नहीं दिया : मुखिया
इस संबंध में मुखिया सुबास चंद्र दास ने कहा कि रोजगार सेवक से योजना की फाइल देखने के लिए मांगा था. लेकिन, उन्हें फाइल नहीं दिया गया. इसके कारण भुगतान नहीं किया है. रोजगार सेवक मनमानी कर रहे हैं. वहीं बिचौलियों से परेशान हैं. बीपीओ संतोष मोहली ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है. गोविंदपुर ब्लॉक जा रहा हूं. मामले की जानकारी लेकर आपको बताऊंगा. वहीं गोविंदपुर बीडीओ से मामले की जानकारी लेने के लिए फोन करने पर फोन नहीं उठाये.

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