सुरक्षा में बड़ी चूक, ITBP में 10 साल से फर्जी जॉब कर रहा था बहरूपिया, ऐसे हुआ खुलासा

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न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

दमोह: आईटीबीपी की सुरक्षा में एक बड़ी चूक का मामला सामने आया है. जिसमें कई वर्षों से एक शख्स फर्जी तरीके से नौकरी कर रहा था. जब उसके इस कारनामे का भंडाफोड़ हुआ तो वह फरार हो गया. पुलिस ने आरोपी युवक पर मामला दर्ज कर लिया है. अब उसकी तलाश की जा रही है.

फर्जी दस्तावेज पर कर रहा था नौकरी

इस मामले को लेकर बताया गया कि "दमोह जिले के एक व्यक्ति पर्वत आदिवासी के दस्तावेजों के सहारे कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के मथुरा का युवक नौकरी कर रहा था. इसका खुलासा तब हुआ जब जालसाज युवक कई महीनों से नौकरी पर वापस नहीं जा रहा था. उसे पत्र भेजे जा रहे थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद उसे भगोड़ा घोषित कर उसे गिरफ्तार करने के लिए दमोह पुलिस को पत्र लिखा गया. लेकिन जब दमोह पुलिस से कोई जानकारी नहीं मिली तो आईटीबीपी का जवान अपने सिपाही की तलाश में दमोह के पथरिया गांव पहुंचा.

नौकरी के दौरान दिए गए पते पर जवान पहुंचा तो पता चला कि पर्वत आदिवासी नौकरी ही नहीं कर रहा है. पर्वत आदिवासी ने बताया कि "उसकी एक बहन मथुरा में रहती है. वह वहां आते जाते रहता था. इस दौरान अपने डॉक्यूमेंट्स लोन के संबंध में एक शख्स को दिये थे. जिसने एक चेक दिया, जो फर्जी निकला था. उसके बाद से वह कॉन्टेक्ट में नहीं है."

आरोपी की तलाश जारी

इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि पथरिया गांव में जो पर्वत आदिवासी रहता है, उसके दस्तावेजों के आधार पर एक अन्य व्यक्ति आईटीबीपी में नौकरी कर रहा था. वह कैंप से लंबे समय से फरार था. जिसकी तलाश कर उनके सुपुर्द करने का पत्र आया था. जिसकी लोकल स्तर पर तलाश की गई, तो पता चला कि वह व्यक्ति नहीं है, जो आईटीबीपी में नौकरी कर रहा था. अब आईटीबीपी वाले उस फर्जी युवक की तलाश कर रहे हैं, जो पर्वत आदिवासी की पहचान का ही व्यक्ति है.
वहीं, इस मामले में आईटीबीपी जवान अमित कुमार ने कहा कि "इस मामले की जांच की जाएगी. दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे शख्स को देश के साथ धोखा करने की सजा मिलेगी."

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