Koderma News: कांग्रेस नेता शंकर यादव हत्याकांड में बड़ा फैसला, चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा

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अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम गुलाम हैदर की आदालत ने सुनाई सजा
50,000 र  जुर्माना भी लगाया

जुर्माना की राशि नहीं देने पर 2 वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी  होगी

 न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

कोडरमा-  तत्कालीन कांग्रेस जिला अध्यक्ष शंकर यादव हत्याकांड मामले की  सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम  के न्यायाधीश गुलाम हैदर की अदालत ने कांड के आरोपी  मुनेश यादव पिता नाथो  यादव,  ग्राम भट्ट बीघा चौपारण, जिला- हजारीबाग, को मामले में  302/34  आईपीसी के तहत दोषी  पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास  की सजा सुनाई साथ ही ₹50000 जुर्माना लगाया जुर्माना की राशि नहीं देने पर 2 वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी  होगी। वहीं न्यायालय ने 120 बी  के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई साथ ही ₹50000 जुर्माना लगाया जुर्माना की राशि नहीं देने पर 2 वर्ष अतिरिक्त सजा भुगत नहीं होगी। वही न्यायालय ने रामदेव यादव व नरेश यादव को भी 302/34 आईपीसी एवं 120 बी  के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई साथ ही ₹25000 जुर्माना लगाया जुर्माना की राशि नहीं देने पर 1 वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। वहीं न्यायालय ने पवन यादव को 302 / 34 आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए 25 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। एवं ₹25000 जुर्माना लगाया जुर्माना की राशि नहीं देने पर 1 वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।  न्यायालय ने सभी आरोपियों को 307 आईपीसी के तहत  दोषी पाते हुए 10 वर्ष सश्रम कारावास कि सजा सुनाई साथ ही ₹5000 जुर्माना लगाया जुर्माना की राशि नहीं देने पर 6 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। वही न्यायालय ने एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत सभी को दोषी पाते हुए 12 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई साथ ही ₹5000 जुर्माना लगाया जुर्माना की राशि नहीं देने पर 6 माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

सभी सजाऐ साथ-साथ चलेगी। बताते चलें कि मृतक शंकर यादव की पत्नी हेमलता देवी के के लिखित आवेदन पर चंदवारा थाना में  चंदवारा थाना काड संख्या 16/ 2018  दर्ज किया गया था।

अभियोजन का संचालक लोक अभियोजक एंजेलिना वारला एवं  अधिवक्ता सुरेस  यादव ने किया। इस दौरान सभी  32 गवाहों का परीक्षण कराया गया । लोक अभियोजक ने कार्रवाई के दौरान न्यायालय से  सभी अभियुक्तों  को फांसी की सजा देने का आग्रह किया। वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता  अनवर हुसैन, तारकेश्वर मेहता एवं दीपक गुप्ता  ने दलीलें पेश करते हुए बचाव किया। अदालत ने सभी गवाहों और साक्षयो का अवलोकन करने के उपरांत अभियुक्त को दोषी पाते हुए सजा मुकर्रर की और जुर्माना लगाया।

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