*झारखंड आदिवासी महोत्सव 2024 में 12 नई पुस्तकों का भव्य लोकार्पण*

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*झारखंड आदिवासी महोत्सव 2024 में 12 नई पुस्तकों का भव्य लोकार्पण*

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

*रांची:* झारखंड के रांची स्थित बिरसा मुण्डा स्मृति उद्यान में आयोजित *झारखंड आदिवासी महोत्सव 2024* के उद्घाटन समारोह में 12 नई पुस्तकों का भव्य लोकार्पण किया गया। यह आयोजन 9 और 10 अगस्त को हो रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य की आदिवासी भाषाओं, संस्कृतियों और परंपराओं को सहेजना और आगे बढ़ाना है।

*लोकार्पित पुस्तकें और उनके विषयवस्तु:*

1. *Mawndo Bal Pustika (मावंडो बाल पुस्तिका):*  
  - इस पुस्तक में मावंडो आदिवासी समुदाय की भाषा और कहानियों को बच्चों के लिए सरल तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

2. *Parhaiya Bal Pustika (पहाड़िया बाल पुस्तिका):*  
  - यह पुस्तक पहाड़िया समुदाय के बच्चों के लिए उनकी भाषा और सांस्कृतिक कहानियों को संजोकर बनाई गई है।

3. *Sabar Bal Pustika (सबर बाल पुस्तिका):*  
  - सबर आदिवासी समुदाय की संस्कृति और कहानियों को बाल पाठकों के लिए रोचक तरीके से प्रस्तुत करती यह पुस्तक महत्वपूर्ण है।

4. *Korwa Vyakaran (कोरवा व्याकरण):*  
  - कोरवा भाषा का विस्तृत व्याकरणिक अध्ययन करती यह पुस्तक भाषा शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी होगी।

5. *Parhaiya Vyakaran (पहाड़िया व्याकरण):*  
  - इस पुस्तक में पहाड़िया भाषा का व्याकरणिक विश्लेषण दिया गया है, जो भाषा के संरक्षण और प्रचार-प्रसार में सहायक होगा।

6. *Mawndo Vyakaran (मावंडो व्याकरण):*  
  - मावंडो भाषा के व्याकरण पर केंद्रित इस पुस्तक का उद्देश्य भाषा की शुद्धता और प्रचार को बढ़ावा देना है।

7. *Sabar Vyakaran (सबर व्याकरण):*  
  - सबर भाषा के व्याकरण को संरक्षित करती इस पुस्तक में भाषा के विविध पहलुओं का विस्तृत वर्णन है।

8. *Cuisines of Jharkhand (झारखंड के व्यंजन):*  
  - यह पुस्तक झारखंड के विभिन्न आदिवासी समुदायों के पारंपरिक व्यंजनों और उनकी विशेषताओं को दर्शाती है।

9. *Birsa Munda ki Jivani (बिरसा मुंडा की जीवनी):*  
  - महान स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के जीवन और उनके संघर्षों पर आधारित इस पुस्तक में उनके योगदान को विस्तार से दर्शाया गया है।

10. *The Study on Sonet Santhal & Tundi Ashram (सोनेट संथाल और टुंडी आश्रम पर अध्ययन):*  
   - इस अध्ययन में सोनेट संथाल और टुंडी आश्रम के सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभावों का विश्लेषण किया गया है।

11. *The Socio-religious Tribal Movements by Rahul Singh (सामाजिक-धार्मिक जनजातीय आंदोलन लेखक: राहुल सिंह):*  
   - राहुल सिंह द्वारा लिखित इस पुस्तक में आदिवासी समाज के सामाजिक और धार्मिक आंदोलनों का गहन अध्ययन प्रस्तुत किया गया है।

12. *Tribal Philosophy (आदिवासी दर्शन):*  
   - आदिवासी दर्शन पर केंद्रित इस पुस्तक में आदिवासी समाज की दार्शनिक धारणाओं और मूल्यों का विश्लेषण किया गया है।

*महोत्सव का उद्देश्य:*

इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य झारखंड की समृद्ध आदिवासी विरासत को संरक्षित करना और इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करना है। इस कार्यक्रम में विभिन्न आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधियों, विद्वानों, और साहित्यकारों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक नृत्य, संगीत, और आदिवासी कला का प्रदर्शन भी किया गया, जिससे दर्शकों को झारखंड की सांस्कृतिक विविधता का अनुभव प्राप्त हुआ।

महोत्सव के आयोजकों का मानना है कि इन पुस्तकों के माध्यम से आदिवासी समुदायों की भाषा, संस्कृति, और इतिहास को संरक्षित और बढ़ावा दिया जाएगा, जो युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने में सहायक होगा।

झारखंड आदिवासी महोत्सव 2024 आदिवासी समुदायों के योगदान को मान्यता देने और उनके विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। इस आयोजन ने राज्य की विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को एक बार फिर से राष्ट्रीय पटल पर उजागर किया है।

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