उत्तर प्रदेश में भेड़ियों और सियारों के हमले से ग्रामीणों में दहशत
उत्तर प्रदेश में भेड़ियों और सियारों के हमले से ग्रामीणों में दहशत
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
उत्तर प्रदेश: प्रदेश में हाल ही में भेड़ियों और सियारों के हमलों ने ग्रामीणों के बीच चिंता और दहशत का माहौल बना दिया है। ये घटनाएँ न केवल जानवरों के हमलों की गंभीरता को दर्शाती हैं, बल्कि ग्रामीणों की सुरक्षा को भी एक बड़ा प्रश्न चिह्न बना रही हैं।
सुल्तानपुर में सियार का हमला
सोमवार रात को सुल्तानपुर जिले के कोरिया पुरवे में एक दुखद घटना घटी। एक सियार ने एक बच्ची को उसकी मां के बगल से उठाकर ले गया। यह घटना रात 1 बजे हुई जब बच्ची अपनी मां मुस्कान के साथ छप्पर के नीचे सो रही थी। मुस्कान ने बताया कि उसे इस बात का पता नहीं चला कि सियार ने बच्ची को कब उठाया।
जब बच्ची की रोने की आवाज सुनकर मुस्कान की आंख खुली, तो उसने देखा कि बच्ची बगल में नहीं थी। वह तुरंत अपने पति के साथ दौड़कर मौके पर पहुंची, जहां उन्होंने देखा कि सियार बच्ची को नोच रहा था। उनके आने पर सियार भाग गया, लेकिन बच्ची के सिर से खून बह रहा था।
परिवार ने तुरंत बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) मोतिगरपुर पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने पूरे गांव में शोक और भय का माहौल बना दिया है।
बहराइच में भेड़िए का हमला
इसी तरह की एक और घटना बहराइच में हुई, जहां एक 5 साल की बच्ची पर भेड़िए ने हमला किया। बच्ची अपने पिता के बगल में सो रही थी जब भेड़िया अचानक उसके पास आया और गर्दन पकड़कर खींचने लगा। बच्ची की चीख सुनकर पिता जाग गए और शोर मचाने लगे।
पिता के शोर मचाने पर आसपास के लोग इकट्ठा हुए, जिससे भेड़िया भाग गया। हालांकि, बच्ची के गर्दन पर भेड़िए के दांतों के निशान थे, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई।
ग्रामीणों की सुरक्षा पर सवाल
इन घटनाओं ने ग्रामीणों के बीच भय का माहौल बना दिया है। लोग अब अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और वन विभाग से उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन को इन जानवरों के हमलों के कारणों का पता लगाने और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है।
इस प्रकार की घटनाएँ न केवल जानवरों के हमलों की गंभीरता को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी दिखाती हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ता जा रहा है।
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