मशाल जुलूस निकाल संयुक्त यूनियन व मजदूरों ने जनरल आफिस समीप किया प्रदर्शन
मशाल जुलूस निकाल संयुक्त यूनियन व मजदूरों ने जनरल आफिस समीप किया प्रदर्शन
मजदूर हित सर्वोपरि है ।मजदूरका विरोध करके सेल प्रबंधन कभी भी आगे नहीं जा सकती है -राजेश कोड़ा
चाईबासा।अनिश्चितकालिन स्लो डाउन आंदोलन में शामिल संयुक्त यूनियन ने आंदोलन के सातवें दिन बुधवार की शाम राम मंदिर से जनरल आफिस, गुवा तक मशाल जुलूस निकाला। इस जुलूस में विभिन्न यूनियनों के दर्जनों मजदूर नेताओं के अलावे काफी संख्या में मजदूर और ग्रामीण महिला-पुरुष शामिल थे। सभी एक स्वर में नारा लगाते रहे, गुवा प्रबंधन मुर्दाबाद, हमारी चार सूत्री मांगें पूरी करो, खदान से प्रभावित गांवों व गुवा के 500 स्थानीय बेरोजगारों को नौकरी देना होगा।
अंत में सभी जलते मशाल को जेनरल ऑफिस गेट के सामने रखकर लौट गये। यह स्लो डाउन आंदोलन चार जुलाई से पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के नेतृत्व में सेल की गुवा खदान में संयुक्त यूनियन, सेलकर्मी व ठेका मजदूरों द्वारा किया जा रहा है।
आंदोलन से एक दिन पूर्व 3 जुलाई की शाम मधु कोड़ा के नेतृत्व में जेनरल ऑफिस का घेराव व प्रदर्शन किया गया था। प्रदर्शन के दौरान ही प्रबंधन ने
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के नेतृत्व में यूनियन के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया था, लेकिन वार्ता विफल रही। इसके बाद अगले दिन से खदान में स्लो डाउन आंदोलन शुरू किया गया है, जो जारी है। मजदूर नेता राजेश कोड़ा द्वारा 11 जुलाई से गुवा खदान में अनिश्चितकालिन आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा की गई थी। उसे अभी स्थगित किया गया है । मशाल जुलूस में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के भी शामिल होकर आगे की रणनीति बनानी थी। बुधवार को नक्सली बंदी के कारण पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा गुवा नहीं आ पाये। सप्लाई मजदूर संघ गुवा अध्यक्ष सह मजदूर नेता राजेश कोडा ने कहा कि मजदूरों के हित में निर्णय लेना सेल गुवा प्रबंधन के लिए अनिवार्य है ।मजदूर हित सर्वोपरि है ।मजदूरका विरोध करके सेल प्रबंधन कभी भी आगे नहीं जा सकती है ।अतः मजदूरों को साथ लेकर चलना जनहित एवं न्याय हित मेंअनिवार्य है ।पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा गुरुवार को गुवा स्थित अपने आवास पहुंचेंगे। यहां खदान के सभी मजदूरों को अपनी हाजिरी बनाकर सुबह 11 बजे पहुंचना है। इस बैठक में निर्णय के बाद आंदोलन को तेज करने संबंधी बड़ी घोषणा करने की संभावना है।
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