झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने 732906 महिलाओं को दिया तोहफा, बैंक खाते में भेजे 1000-1000 रुपए

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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने 732906 महिलाओं को दिया तोहफा, बैंक खाते में भेजे 1000-1000 रुपए

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
दुमका: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका जिले के जामा के पांजनपहाड़ी में आयोजित कार्यक्रम में झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की 732906 महिलाओं लाभुकों को 1000-1000 रुपए उनके खाते में भेजे.  
संताल परगना प्रमंडल स्तरीय कार्यक्रम में दुमका, देवघर, साहिबगंज, गोड्डा, पाकुड़ एवं जामताड़ा की 7 लाख 32 हजार 906 बहन-बेटियों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से मंईयां सम्मान राशि हस्तांतरित की गयी.

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आपलोगों का उत्साह हमें लड़ने की शक्ति देता है. सरकार गठन के बाद कई चुनौतियों आयीं, लेकिन हमने उनका डटकर मुकाबला किया. सरकार बनने के बाद हमने वादा किया था कि हमारी सरकार रांची से नहीं बल्कि गांव से चलेगी. इसलिए अधिकारी गांव-गांव पहुंचे और गांव के अंदर जो समस्या थी, उन्हें सुलझाने का काम किया. जब हमने कुर्सी भी ठीक से नहीं संभाली थी कि कोरोना ने पूरे राज्य को जकड़ लिया था. दो साल उसी में फंसे रहे. झारखंड के मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंस गए थे. पहली बार मजदूरों को हवाई जहाज, ट्रेन और बस से सुरक्षित वापस लाया गया.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना से 50 लाख महिलाएं पूरे राज्य में जुड़ चुकी हैं. गांव मजबूत होगा, तभी राज्य मजबूत होगा. आज किसानों के लिए हम कई तरह की योजनाएं चला रहे हैं. हमने कानून बनाया है कि पशु मर गया तो बीमा का लाभ मिलेगा.     

विपक्ष पर निशाना साधते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि पैसा देकर विज्ञापन छपवाया जाता है कि चार साल में मिला क्या? 4 साल में हमने पेंशन दिया. आज तक इन्होंने बुजुर्गों को पेशन क्यों नहीं दिया? टॉर्च जलाकर भी देखेंगे तो कोई बिना पेंशन का नहीं मिलेगा. जब केंद्र सरकार ने पैसे नहीं दिए तो हमने अबुआ आवास योजना लागू की. आने वाले 5 वर्षों में राज्य में ऐसा कोई गरीब नहीं रहेगा जिसके पास अपना पक्का घर नहीं होगा.  

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि देश में सबसे अधिक नौकरी होती लेकिन उन्होंने उसे भी बंद कर दिया. रेलवे में भर्ती होती थी, इन्होंने उसे भी बंद कर दिया. अब सारा बोझ राज्य सरकार पर छोड़ दिया. जब हमने कानून बनाया तो इनके कार्यकर्ताओं ने कोर्ट में चुनौती दी और उसे रद्द करवा दिया.

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