झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने 'उपस्थिति पोर्टल' किया लॉन्च, बोले- अब मरीजों को इलाज में नहीं होगी परेशानी

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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने 'उपस्थिति पोर्टल' किया लॉन्च, बोले- अब मरीजों को इलाज में नहीं होगी परेशानी

 

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

रांची-झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी चिकित्सकों, पारामेडिकल कर्मी, संविदा पर कार्यरत कर्मी और अन्य कर्मियों की दैनिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए 'उपस्थिति पोर्टल' का शुभारंभ किया. इस पोर्टल के जरिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा दर्ज की जा रही बायोमेट्रिक उपस्थिति का क्रॉस वेरिफिकेशन किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने और झारखंड के सभी व्यक्तियों को स्वास्थ्य संबंधी सुलभ और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है.


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अक्सर शिकायतें मिलती हैं कि स्वास्थ्य केंद्र और अस्पतालों में चिकित्सक ड्यूटी के दौरान भी उपलब्ध नहीं होते हैं. ऐसे में मरीज को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों की उपस्थिति की निगरानी की पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए. निजी अस्पतालों की तरह सरकारी अस्पतालों में हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम, सीसीटीवी, वाई-फाई की व्यवस्था, जिला और मुख्यालय स्तर पर इसकी निरंतर निगरानी की जानी चाहिए.


मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में कार्यरत मानव संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल होना चाहिए. राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र से लेकर जिला अस्पतालों में जो मानव संसाधन उपलब्ध हैं, उसकी शत-प्रतिशत उपयोगिता सुनिश्चित होनी चाहिए. अस्पतालों की जरूरत के हिसाब से मानव संसाधन उपलब्ध कराया जाए. अगर किसी एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में  चिकित्सा और चिकित्साकर्मियों की सेवा लेने की जरूरत हो तो उस दिशा में भी उचित कदम उठाए जाने चाहिए, लेकिन इसमें इस बात का ध्यान रखें कि जिस अस्पताल से चिकित्सकों की सेवा दूसरे अस्पताल में ली जा रही है, वहां की चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित नहीं होनी चाहिए.

 
मुख्यमंत्री ने प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्रों और स्वास्थ्य केंद्रों का जिला अस्पतालों से 24 घंटे संपर्क स्थापित करने की व्यवस्था बनाएं, ताकि अगर कोई मरीज स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज के लिए आता है और उसे बेहतर इलाज की जरूरत हो तो उसे जिला अस्पताल तक लाने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए. इस बैठक में  स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता,  मुख्य सचिव एल खियांग्ते, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह मौजूद थे.

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