झारखंड समाहरणालय कर्मियों का काला बिल्ला आंदोलन 22 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

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*झारखंड समाहरणालय कर्मियों का काला बिल्ला आंदोलन, 22 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी*

जमशेदपुर: झारखंड अनुसचिवीय कर्मचारी संघ (समाहरणालय संवर्ग) के कर्मियों ने मंगलवार को राज्य के 24 जिलों के जिला मुख्यालयों के समक्ष काला बिल्ला लगाकर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में समाहरणालय संवर्ग के प्रतिनिधियों के साथ-साथ समाहरणालय एवं समाहरणालय लिपिकों, कंप्यूटर ऑपरेटरों, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों, और संविदा पर कार्यरत कर्मियों ने हिस्सा लिया।

संवर्ग कर्मियों की प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
1. निम्न वर्गीय लिपिक के वेतनमान में 500 रुपये की वृद्धि और 2400 रुपये ग्रेड पे लागू करना।
2. 20 वर्षों से प्रमोशन नहीं पाने वाले चतुर्थ वर्गीय कर्मियों को बिना परीक्षा के वरीयता के आधार पर प्रमोशन देना।
3. आउटसोर्स कंप्यूटर ऑपरेटरों को संविदा पर बहाल करना और वर्तमान संविदा कर्मियों को नियमित करना।
4. लिपिक पदनाम को सहायक पदनाम में बदलना।

मंगलवार को सभी कर्मियों ने काला बिल्ला लगाकर काम किया। इसके बाद 18 जुलाई को सभी कर्मी तीन घंटे के लिए पेन डाउन स्ट्राइक रखेंगे। यदि 19 जुलाई तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है, तो 20 जुलाई को सभी जिला मुख्यालयों पर कैंडल मार्च निकाला जाएगा। उसके बाद झारखंड राज्य के सभी जिलों के समाहरणालय कर्मी 22 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश रंजन दुबे ने बताया कि 2022 से ही सरकार के समक्ष उनकी मांगें रखी जा रही हैं, मगर सरकार इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है। संघ ने बताया कि मात्र 500 रुपये समाहरणालय संवर्ग कर्मियों के वेतनमान में बढ़ाने की मांग की जा रही है, क्योंकि सरकार का सबसे महत्वपूर्ण अंग समाहरणालय संवर्ग स्तरीय कर्मी होता है, जो हर तरह के कार्यों को करते हैं। बावजूद इसके, उनका वेतनमान आज भी 1900 रुपये पे ग्रेड है, मगर सरकार इसे बढ़ाने को तैयार नहीं है। अंततः यह निर्णय लेना पड़ा है।

इस आंदोलन में मुख्य रूप से संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश रंजन दुबे सहित संघ के जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं कर्मी मौजूद रहे। संघ ने राज्य के सभी समाहरणालय संवर्ग कर्मियों से इस आंदोलन को सफल बनाने की अपील की है।

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