बिहार: फूड पॉइजनिंग के बाद BSAP के 935 जवानों ने भूख हड़ताल की

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बिहार: फूड पॉइजनिंग के बाद BSAP के 935 जवानों ने भूख हड़ताल की

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

बिहार: सुपौल जिले के भीमनगर में स्थित बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (BSAP) के 935 प्रशिक्षु जवानों ने फूड पॉइजनिंग के बाद भूख हड़ताल शुरू कर दी है। रविवार को 265 जवान अचानक बीमार पड़ गए, जिनमें से छह की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस घटना ने जवानों के बीच आक्रोश को जन्म दिया है, और उन्होंने कैंप के कमांडेंट पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

फूड पॉइजनिंग का कारण

रविवार की सुबह, जवानों ने नाश्ते में पूरी, जलेबी और काबुली चना की सब्जी खाई। कुछ ही समय बाद, दोपहर के करीब 1:30 से 2:00 बजे के बीच, जवानों की तबियत बिगड़ने लगी। हालांकि, उन्हें तुरंत बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई और कैंप के अंदर ही दवा दी गई। शाम को जब स्थिति बिगड़ने लगी, तो 50 से 60 जवानों को वीरपुर के अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। देखते ही देखते, रात 10:30 बजे तक बीमार जवानों की संख्या 265 तक पहुंच गई।

जवानों की स्थिति

सोमवार की सुबह, अधिकांश जवानों की हालत स्थिर बताई गई। अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद, उन्हें रात करीब 1 बजे डिस्चार्ज कर दिया गया। लेकिन इस घटनाक्रम ने जवानों के बीच नाराजगी पैदा कर दी। उन्होंने कमांडेंट के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि वे पिछले डेढ़ महीने से यहां प्रशिक्षण ले रहे हैं, लेकिन उन्हें हर दिन खराब गुणवत्ता का खाना परोसा जा रहा है।

भूख हड़ताल और जांच की मांग

जवानों ने आरोप लगाया कि प्रशिक्षण केंद्र में 400 की क्षमता वाले कक्ष में 935 जवानों को भेड़-बकरियों की तरह बैठाकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। फर्श पर बैठकर प्रशिक्षण लेना उनकी विवशता है। जवानों ने भूख हड़ताल की शुरुआत की है और कहा है कि जब तक उनकी समस्याओं की निष्पक्ष जांच नहीं होती, वे भोजन नहीं करेंगे।

जवानों ने डीआईजी और आईजी से भी भीमनगर पहुंचकर मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को उनकी शिकायतों का कोई समाधान नहीं मिला है, और वे उचित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

निष्कर्ष

यह घटना न केवल जवानों की स्वास्थ्य स्थिति को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि प्रशिक्षण केंद्र में व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है। जवानों की मांगों पर ध्यान देना और उनकी समस्याओं का समाधान करना आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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