राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने रांची में पुस्तक न्यूजप्रिंट टू हार्टप्रिंट का किया लोकार्पण

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राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने रांची में पुस्तक न्यूजप्रिंट टू हार्टप्रिंट का किया लोकार्पण

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

रांची: राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने शनिवार को संत जेवियर्स कॉलेज में पुस्तक न्यूजप्रिंट टू हार्टप्रिंट : एन इनजीनियस ओडिसी ऑफ हरिवंश इन प्रभात खबर के लोकार्पण के मौके पर कहा कि एक जज्बा और एक हौसला था, जब हमने अखबार निकाला. परेशानियां थीं, लेकिन उसमें भी हम आगे बढ़े. साथ काम करनेवालों में कमिटमेंट था. लगा कि नहीं चल सकता है. अगर आज यह संभव हो पाया है, तो अखबार में काम करनेवाले लोगों के कारण ही. इसलिए मैं कहता हूं आई नहीं, वी टेक इट. इसका सीधा अर्थ है कि आप जीवन में सामूहिक रूप से ही सफल हो सकते हैं. यह अखबार सफल हुआ, क्योंकि हम सब एक पेज पर थे. टीम स्पिरिट, प्रबंधन के सहयोग और पाठकों के दम पर ही प्रभात खबर आगे बढ़ा और अपने 40 वर्षों का सफर पूरा किया.

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने बताया कि इस किताब में किस तरह मैनेजमेंट का उदाहरण पेश किया गया है. मौके पर पुस्तक के लेखक डॉ अभिजीत के चट्टोराज, डॉ श्रीकांत श्रीधरन और सलोनी सिन्हा के अलावा कॉलेज के प्राचार्य डॉ फादर नोबोर लकड़ा, डॉ हरिश्वर दयाल, डॉ रवि वाजपेयी, बीके सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार अनुज कुमार सिन्हा, मनोज प्रसाद सहित अन्य गणमान्य मौजूद थे.

हरिवंश ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस समय हमारी शुरुआत हुई थी. हम एकदम नये थे, लेकिन एक हौसला था कि हमारी टीम मिलकर कुछ नया करेगी. पहले क्राइम की खबर अखबारों में छोटी सी जगह पर छपती थी. उसी दौरान चुनाव के दौर में एक महिला की खबर छपी कि रांची की स्थिति के कारण वह इस शहर को छोड़ रही है. हमने तय किया कि इस खबर को लीड बनायेंगे, एक नया प्रयोग किया. इसके बाद वह खबर पहले पन्ने पर छपी और लगातार इस मुद्दे को उठाते रहे. बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इसका जिक्र किया. चुनाव पर भी इसका असर पड़ा. इस तरह जितने भी मुद्दे आये, उसे हमने उठाना शुरू किया. लोगों तक चेतना फैलाने का काम किया गया.
पुस्तक के लेखक डॉ अभिजीत, श्रीनाथ और सलोनी ने बताया कि यह पुस्तक प्रभात खबर के 1989 से लेकर 2014 तक के सफर पर आधारित है और इसमें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश की भूमिका के बारे में बताया गया है. डॉ अभिजीत ने कहा कि छोटे शहर से उठकर अगर कोई कुछ बड़ा करना चाहता है, तो वह किताब उनके लिए है. लोकल पत्रकारिता की आवाज बनने का काम प्रभात खबर ने किया है. लीडरशिप स्टोरी को इसमें शामिल किया गया है.

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