पंजाबी समाज ने रांची की कृष्णा नगर कॉलोनी में मनाया विभाजन विभीषिका दिवस

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पंजाबी समाज ने रांची की कृष्णा नगर कॉलोनी में मनाया विभाजन विभीषिका दिवस

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

रांची : पंजाबी समाज द्वारा आज बुधवार को कृष्णा नगर कॉलोनी स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर के हॉल में विभाजन विभीषिका दिवस का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 11:15 बजे मुख्य अतिथि झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री बाबूलाल जी मरांडी, भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह एवं भाजपा महानगर अध्यक्ष वरुण साहू द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन से हुई.
विभाजन की यादें सांझा करते हुए समाज के वयोवृद्ध नागरिक मुखी राधेश्याम किंगर ने विभाजन के समय के दृश्य को खतरनाक मंजर बताते हुए कहा कि कायमपुर में हम रहते थे,आज भी वह खौफनाक यादें जहन में ताजा है जो हमने अपनी खुली आंखों से देखा था, बस जान बचाकर किसी तरह वहां से निकलना था.एक अंग्रेज अफसर जिनका नाम मून था उनकी मदद से हम सब सकुशल निकलने में कामयाब हुए और रेल मार्ग से लाहौर से चलकर अमृतसर तक पहुंचे. बी आर मग्गो तो विभाजन का दर्द बयां करते-करते अत्यधिक भावुक हो उठे और मंच पर ही सिरक सिरक कर रोने लगे. उन्होंने बताया कि उस वक्त मेरी उम्र 7 वर्ष की थी, चारों ओर लाशों का ढेर था और हमें वहां से निकलना था.उन लाशों के ढेर के ऊपर से ही लांघ कर हम वहां से निकले और लाहौर पहुंचे, जहां से हम रेल मार्ग से अमृतसर पहुंचे,ऐसे भयानक दृश्य हमने देखे थे.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री बाबूलाल जी मरांडी ने भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा आज के दिन को विभाजन विभीषिका दिवस मनाए जाने के फैसले की प्रशंसा करते हुए वहां पर उपस्थित पंजाबी समाज के लोगों से इसे हर वर्ष 14 अगस्त के दिन ही मनाने का आह्वान किया और इसे इसलिए जरूरी बताया ताकि आज के युवा को भी विभाजन की विभीषिका की जानकारी हो और वह इससे प्रेरणा लेकर और मजबूत बन सकें.
मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गोविंद नगर प्रभारी डॉक्टर सतीश मिढ़ा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे बुजुर्गों ने विभाजन का दंश झेला और किसी तरह अपनी जान बचाकर भारत के विभिन्न हिस्सों में आकर बस गए.खाली हाथ होने के बावजूद उनकी हिम्मत और जज्बा था कि आज पूरा पंजाबी समाज अपने पैरों पर खड़ा है और शहर,राज्य और देश के विकास में अपना संपूर्ण योगदान दे रहा है. हर माता-पिता को अपने बच्चों को इस इतिहास के बारे अवश्य बताना चाहिए ताकि उन्हें भी पता चले कि उनके पूर्वजों ने विभाजन की विभीषिका को किस तरह झेला और सामने मिली चुनौतियों का किस तरह सामना किया. 
पंजाबी समाज के सभी वयोवृद्ध नागरिकों को श्री बाबूलाल जी मरांडी ने शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया.
   इस मौके पर विभीषिका से जुड़ी तस्वीरों की प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसे लोगों ने ध्यान से देखा. कार्यक्रम की समाप्ति दोपहर 1:30 बजे हुई.मंच संचालन नरेश पपनेजा एवं अश्विनी सुखीजा ने किया.धन्यवाद ज्ञापन अरुण जसूजा ने किया.
कार्यक्रम में हरविंदर सिंह बेदी,कुणाल आजमानी,रमेश सिंह,नंदकिशोर अरोड़ा,गुरविंदर सिंह सेठी,द्वारका दास मुंजाल,मनोहर लाल जसूजा,हरगोविंद सिंह,रामचंद्र तलेजा,हरविंदर सिंह लाली,ललित किंगर,संदीप नागपाल,विनोद किंगर,केसर पपनेजा,किशोरी पपनेजा,रमेश गिरधर,नीरज कुमार,महेंद्र अरोड़ा,लाजवंती किंगर,सिम्मी पपनेजा,गोविंद कौर समेत अन्य शामिल हुए.

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