अब सारंडा के घने जगलों में पर्यटक नहीं घूम सकते हैं इसके लिए वन विभाग से लेना होगा परमिशन

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अब सारंडा के घने जगलों में पर्यटक नहीं घूम सकते हैं, इसके लिए वन विभाग से लेना होगा परमिशन


सारंडा वन क्षेत्र में उठाया गया कदम  सराहनीय एवं प्रशंसा के योग्य है -दुर्गा देवगम

         


वन।विभाग ने सारंडा के घने जंगलों में बाहरी पर्यटकों को घूमने जाने हेतु अनुमति देने पर अस्थायी रोक लगा दी है। वन विभाग ने पर्यटकों की सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा कदम उठाया है। अगर कोई बाहरी पर्यटक सारंडा घूमना चाहते हैं तो वह वन विभाग द्वारा नियुक्त गाईड लेकर हीं विशेष परिस्थिति में सारंडा जंगल का भ्रमण कर पायेंगे। वन विभाग के अधिकारी सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार बाहरी पर्यटकों को किरीबुरु स्थित वन विभाग कार्यालय द्वारा सारंडा घूमने हेतु नियमित अनुमति दिया जाता रहा था। वह बिना गाईड के जाते थे एवं सारंडा की भौगोलिक स्थिति की पूरी जानकारी नहीं होने की वजह से वह असुरक्षित जोन में चले जाते थे। ऐसे में उनके सामने विभिन्न प्रकार का खतरा उत्पन्न होता दिखायी दे रहा था। उक्त तथ्यों की सराहना एवं  झामुमो नेता सह बड़ाजामदा क्षेत्र समाजसेवी दुर्गा देवगम ने बनाते हुए वन विभाग की सराहना की है। उन्होंने कहा है  सारंडा वन क्षेत्र में उठाया गया क् उक्त कदम   सराहनीय एवं प्रशंसा के योग्य है ।उल्लेखनीय है कि सारंडा जंगल दशकों से भाकपा माओवादी नक्सलियों का गढ़ रहा है। आज भी थोलकोबाद, बालिबा, तिरिलपोसी, कुमडीह, कोलायबुरु, कुदलीबाद जैसे जंगल क्षेत्र में नक्सल गतिविधियां है। नक्सलियों का शरणस्थली क्षेत्र में अगर कोई अनजाने में बाहरी पर्यटक चले जाये तो नक्सली उनपर फायर भी झोंक सकते हैं। इससे पर्यटकों की जान जाने का खतरा बना रहेगा। 
     बीते 17 जुलाई को  इसी क्षेत्र में पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुआ था। इसके अलावे पिछले कुछ महीनों से सारंडा के विभिन्न क्षेत्रों में हाथियों का अलग-अलग समूह भ्रमणशील है। यह जंगलों के अलावे गाँव व शहरों में आ जा रहा है। कई ग्रामीणों को हाथी पिछले कुछ महीनों के दौरान मार डाला है। जानकारी के अभाव में यह हाथी पर्यटकों के लिये खतरा बन सकते हैं। इसके अलावे कई प्राकृतिक नदी-नाला व जलश्रोत हैं जिसका पानी तेज वर्षा होने के बाद अचानक बढ़कर विकराल रुप धारण कर लेता है। ऐसे स्थानों पर पर्यटकों के फंसने व नुकसान की संभावना बन सकती है। पिछले दिनों पिकनीक मनाने गये लोग पुना के लोनावाला में भूषी डैम में अचानक पानी बढ़ने से बह गये थे। इसका वीडिओ काफी वायरल हुआ था। ऐसी घटनाओं से पर्यटकों को बचाने हेतु हीं वन विभाग ने अनुमति देना बंद किया है। गाईड लेने से एक तो सारंडा के बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा, दूसरी तरफ वह गाईड सुरक्षित जोन में हीं पर्यटकों को घुमाने का कार्य करेंगे।

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