विभाजन विभीषिका दिवस हमें मानवीय मूल्यों जैसे करुणा, सहानुभूति और क्षमा को स्थापित करने के लिए प्रेरित करता है - प्रोफेसर (डॉ) तपन कुमार शांडिल्य, कुलपति डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी

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विभाजन  विभीषिका  दिवस हमें मानवीय मूल्यों जैसे करुणा, सहानुभूति और क्षमा को स्थापित करने के लिए प्रेरित करता है - प्रोफेसर (डॉ) तपन कुमार शांडिल्य, कुलपति डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी


सीबीसी रांची द्वारा डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी में  विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के मौके पर दो दिवसीय चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन


भारत का विभाजन भारत की आजादी से बड़ी घटना है - पदम श्री श्री बलबीर दत्त
हमें खून से लथपथ आजादी मिली -पदम श्री श्री बलबीर दत्त

भारत का विभाजन एक दर्दनाक घटना है जहां दिलों का / घरों का / रिश्तों का बंटवारा हुआ --- डॉ समरी लाल, विधायक,  कांके  विधानसभा क्षेत्र , रांची


एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत विश्वविद्यालय के कुलपति व पद्मश्री श्री बलबीर दत्त द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण


न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

रांची: केंद्रीय संचार ब्यूरो, रांची के द्वारा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के मौके पर बुधवार को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री बलबीर दत्त व कांके विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ समरी लाल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया फीता काटकर और दीप प्रज्वलित कर  किया गया ।


तदोपरांत सभी अतिथियों का शॉल, पौधा एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया एवं तिरंगा बैज वह तिरंगा पट्टा पहनाया गया।


विशिष्ट सम्मानित अतिथि  के रूप में विभाजन की के दीनों को याद करते हुए पद्मश्री श्री बलबीर दत्त जी ने कहा कि विभाजन के समय की त्रासदी सुनकर रूह कांप जाएगी।
इसलिए आज जरूरी है कि सभी जाति और धर्म के लोग एकजुट होकर रहें, ताकि ऐसी विभीषिका फिर किसी को ना देखनी पड़े। 
श्री दत्त ने कहा कि भारत का विभाजन, भारत की आजादी से बड़ी घटना है । उन्होंने आगे कहा कि हमें खून से लथपथ आजादी मिली। श्री दत्त ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे बड़े ख्वाब देखें और ऊंची उड़ान के बारे में सोचें। यही ऊंची उड़ान की सोच उन्हें आगे ले जाएगी। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम इसके उदाहरण है जिन्होंने हमेशा बड़ा सपना देखने के लिए प्रेरित किया।


अपने संबोधन में कुलपति - डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी - प्रोफेसर (डॉ) तपन कुमार शांडिल्य ने  कहा की विभाजन  विभीषिका  दिवस हमें मानवीय मूल्यों जैसे करुणा, सहानुभूति और क्षमा को स्थापित करने के लिए प्रेरित करता है ।

विभाजन के कारणों पर प्रकाश डालते हुए कुलपति महोदय ने कहा कि विभाजन के प्रमुख कारण:

धार्मिक विभाजन : हिन्दू और मुस्लिम धर्म के लोगों के बीच धार्मिक मुद्दों को लेकर मतभेद थे। मुस्लिम लीग ने मुसलमानों के लिए अलग देश की मांग की जिससे ये धार्मिक मतभेद और अधिक बढ़ गए।

ब्रिटिश सरकार की नीतियां : भारत के टुकड़े करने के उद्देश्य से अंग्रेजों ने भारत में "फूट डालो राज करो" की नीति को अपनाया जिसने भारत के विभाजन में बड़ी भूमिका अदा की।


कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच मतभेद : कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच जो कि आगे चलकर भारत-पाक विभाजन का एक बड़ा कारण बना।

अंतरिम सरकार की विफलता : भारत की अंतरिम सरकार हिन्दू मुस्लिम समुदाय के बीच विश्वास पैदा करने में विफल रही ।

रांची विश्वविद्यालय की इतिहास की शिक्षिका डॉक्टर सुजाता सिंह ने विस्तार से विभाजन के कारणों  फर प्रकाश डाला और कहा कि विभाजन के स्मृतियों को सहेजने की पहल करनी चाहिए और आज आयोजित यह चित्र-प्रदर्शनी एक अच्छी शुरुआत है।
विभाजन एक बहुत दर्दनाक हादसा है जहां लोगों को अपनी पहचान कोई और फिर नई जगह व  वातावरण में  अपनी पहचान स्थापित करने के लिए संघर्ष करना पड़ा ।

कार्यक्रम का संचलान  दूरदर्शन की एंकर नैंसी कुमारी ने किया।

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की शिक्षिका डॉक्टर शालिनी लाल एवं डॉ गीतांजलि ने कार्यक्रम को आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


तिरंगा मोमेंट
राष्ट्रगान के साथ सभी उपस्थित अतिथियों व दर्शकों ने तिरंगा ऊंचा कर तिरंगा मोमेंट क्रिएट किया।


एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधारोपण
कुलपति महोदय व बलबीर दत्त जी विद्यार्थियों के साथ मिलकर एक पेड़ मां के नाम के तहत यूनिवर्सिटी कैंपस में पौधारोपण किया। प्रोग्राम के अंत में डॉक्टर शालिनी लाल ने धन्यवाद दिया।

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