बुजुर्ग महिला को बेटों ने घर से निकाल असहाय छोड़ा-सीजीपीसी ने दिया आश्रय

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बुजुर्ग महिला को बेटों ने घर से निकाल असहाय छोड़ा, सीजीपीसी ने दिया आश्रय

ऐसी असामाजिक हरकत करने वालों पर सीजीपीसी प्रशासन की मदद से करेगी कार्यवाई: भगवान सिंह

इस तरह के मामले देखने के लिए सीजीपीसी जल्द ही एक उप-कमिटी का गठन करेगी: शैलेंद्र सिंह  
यह मामला बहुत गंभीर, संगीन, मानवता को शर्मसार करने वाला तथा सोचने पर मजबूर करने वाला है कि एक बुजुर्ग माँ को उसके तीन बेटों ने घर से निकाल कर दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर दिया है। जिसे सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी ने सामाजिक कर्तव्य का निर्वहन एवं मानवता का परिचय देते हुए उस मजबूर बुजुर्ग महिला को रहने के लिए साकची महिला छात्रावास में आश्रय दिया है।  
सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह और चेयरपर्सन सरदार शैलेंदर सिंह मामले की गंभीरता को देखते हुए दोषी पुत्रों पर जिला प्रशासन के मदद से उन पर कार्यवाई करने ने बात कही है। दोनों ही सिख प्रतिनिधियों का कहना है कि सीजीपीसी जल्द ही इस तरह के मामले देखने के लिए एक उप-कमिटी का गठन भी करेगी। 
इस विषय पर विस्तृत जानकारी देते हुए सरदार भगवान सिंह और सरदार शैलेंदर सिंह ने बताया कि जुलाई माह में 75 वर्षीय सिख बुजुर्ग महिला जिनका नाम कमलजीत कौर है, को उनके पुत्रों द्वारा साकची स्थित ठाकुर बाड़ी के पास मंदिर में असहाय छोड़कर चले गए थे।  
बुजुर्ग महिला कमलजीत कौर ने बताया कि उनका बड़ा पुत्र बिट्टू सिंह बिलासपुर निवासी ने जिसने उन्हें ट्रेन में बैठाकर जमशेदपुर में रहने वाले छोटे भाई विवेक सिंह मिंटे के पास भेज दिया। विवेक सिंह अपनी माता को अपने घर नहीं ले जाकर साकची ठाकुरबाड़ी मंदिर में छोड़कर चला गया। दो दिनों तक मंदिर में रहने के बाद माता के मंदिर में रहने की सुचना किसी तरह साकची थाना प्रभारी संजय सिंह को मिली, तो वे स्वयं मंदिर में जाकर माता की सुध ली और उनकी आप बीती सुनी जिससे वहां उपस्थित सभी लोग भी भावुक हो गए।  
चूँकि महिला सिख परिवार से थी इसलिए उन्होंने सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से माता के बारे में जानकारी दी। इस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए सीजीपीसी के प्रधान भगवान सिंह एवं चेयरमैंन सरदार शैलेंद्र सिंह ने मंदिर में पहुंचकर वहां से माता कमलजीत कौर को सीजीपीसी कार्यालय ले आये और अस्थाई रूप से उन्हें महिला छात्रावास में आश्रय दिया।  
सीजीपीसी द्वारा उनके तीन पुत्रों नई दिल्ली निवासी टीटू सिंह, बिलासपुर निवासी बिट्टू सिंह, और जमशेदपुर निवासी विवेक सिंह मिंटे से संपर्क किया तथा उनके रिश्तेदारों से भी संपर्क किया परंतु तीनों पुत्रों ने माता कमलजीत कौर को अपने साथ रखने से साफ इंकार कर दिया। पुत्रों के इस असंवेदनशील रवैय्ये से मजबूर होकर सेंट्रल गुरुद्वारा कमेटी ने बैठक बुलाकर माता के तीनों पुत्रों का सामाजिक बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। कहा गया है कि तीनों के साथ समाज के लोग किसी प्रकार का कोई भी सरोकार नहीं रखें तथा खास तौर से उनके रिश्तेदारों से अनुरोध किया गया कि उनके किसी भी कार्यक्रमों में शामिल न हों और उन्हें अपने पारिवारिक कार्यक्रमों के  आमत्रण न दें। बैठक में विशेष रूप से यह भी तय हुआ कि यदि इस तरह के मामले की शिकायत भविष्य में सीजीपीसी को मिलती है तो भी इसी नियम के तहत दोषी का  सामाजिक बहिष्कार किया जायेगा।

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