प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कारगिल विजय दिवस पर संबोधन-अग्निपथ योजना और पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कारगिल विजय दिवस पर संबोधन: अग्निपथ योजना और पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार

नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर द्रास स्थित कारगिल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने 1999 की कारगिल युद्ध के नायकों को याद किया और विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।

पाकिस्तान और आतंकवाद पर कड़ा संदेश

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने पाकिस्तान की प्रॉक्सी वॉर की रणनीति की निंदा की। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है। आतंकवाद के खिलाफ उनके सभी प्रयास विफल रहे हैं। मैं जहां खड़ा हूं, वहां से आतंक के आकाओं तक मेरी आवाज पहुंच रही होगी। उनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे।"

अग्निपथ योजना का महत्व

मोदी ने अग्निपथ योजना को सेना के रिफॉर्म्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। उन्होंने कहा, "संसद में दशकों से सेना को युवा बनाने पर चर्चा होती रही है, लेकिन पहले इस बदलाव की इच्छा शक्ति नहीं दिखाई गई।" उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग इस संवेदनशील विषय को राजनीति का विषय बना रहे हैं।

देश की विजय का पर्व

प्रधानमंत्री ने कारगिल की जीत को केवल एक सरकार या दल की जीत नहीं बल्कि देश की विजय बताया। "यह देश की विरासत है और गर्व का पर्व है," उन्होंने कहा। उन्होंने सभी देशवासियों को कारगिल विजय के 25 साल पूरे होने की शुभकामनाएं दी।

विपक्ष पर हमला

मोदी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे सेना के रिफॉर्म्स पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, "ये वही लोग हैं जो चाहते थे कि सेना को कभी आधुनिक फाइटर प्लेन न मिल पाए।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी और युवा सेना में शामिल होने के लिए आगे आएंगे।

आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम

प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत अब हथियारों का आयात करने वाला देश नहीं बल्कि एक्सपोर्टर बन रहा है। "हमने 5,000 हथियारों की लिस्ट बनाई है और तय किया है कि इन्हें बाहर से नहीं मंगाया जाएगा," उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि डिफेंस सेक्टर में रिसर्च का 25 प्रतिशत प्राइवेट सेक्टर के लिए रिजर्व किया गया है।

निष्कर्ष

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि सेना के रिफॉर्म्स उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है और उन्होंने सभी देशवासियों से एकजुटता की अपील की। "हम राजनीति नहीं, राष्ट्रनीति के लिए काम करते हैं," उन्होंने कहा।

इस प्रकार, पीएम मोदी का संबोधन न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि देने का एक अवसर था, बल्कि यह देश की सुरक्षा और सेना के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा भी प्रस्तुत करता है।

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