ज़िला विधिक सेवा प्राधिकार चाईबासा के तत्वावधान में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल पर कार्यशाला का आयोजन

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ज़िला विधिक सेवा प्राधिकार चाईबासा के तत्वावधान में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल पर कार्यशाला का आयोजन

मोटर दुर्घटना दावों के निपटारे में ट्रिब्युनल की भूमिका अहम – मौ. शाकिर, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

चाईबासा:झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा के तत्वावधान में एक दिवसीय जिला स्तरीय मोटर एक्सिडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल पर कार्यशाला का आयोजन वन प्रशिक्षण केन्द्र के सभागार में सम्पन्न हुआ।
कार्यशाला में पीड़ित परिवार को ससमय और उचित मुआवजा दिलाने के प्रावधानों के सरलीकरण पर विशेष रूप से चर्चा हुई।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार 
मौहम्मद शाकिर ने कहा कि मोटर व्हीकल से जुड़े विभिन्न पहलुओं को समझने का यह महत्त्वपूर्ण अवसर है, कार्यशाला के माध्यम से हितधारक अपने जानकारी में वृद्धि कर समाज को और बेहतर योगदान दे सकते हैं,  उन्होनें बताया कि मोटर व्हीकल एक्सीडेंट से जुड़े क्लेम के मामले में कानून का पालन होना बेहद आवश्यक है, बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने पर दंड का प्रावधान है।
इस अवसर पर उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने भी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए इसका अधिकाधिक लाभ उठाने का आवाह्न किया, 
प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय योगेश्वर मणि ने मोटर वाहन दुर्घटना से जुड़े सूक्ष्म बिंदुओं पर न्यायिक प्रक्रिया की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
उन्होनें कहा कि ऐसी बहुत सारी बातें हैं जिनको ध्यान रखकर ऐसे मामले को कम किया जा सकता है।
उपस्थित लोगों को जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद ने भी संबोधित किया और सहयोग का आश्वासन दिया।
कार्यशाला में उपस्थित मुख्य वक्ता और विषय विशेषज्ञ झारखंड उच्च न्यायालय के  अधिवक्ता अरविंद कुमार लाल ने उपस्थित लोगों को मोटर दुर्घटना क्लेम से संबंधित मुद्दों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की उन्होने दुर्घटना के शिकार परिवार वालों को ससमय और उचित मुआवजा के भुगतान में आने वाले प्रावधानों के अड़चनों और उसे दूर करने के उपाय बताया, साथ ही मोटर दुर्घटना कानून में 2022 में हुए संशोधनों का उल्लेख करते हुए कहा की सड़क दुर्घटना के मामले में 30 दिनों के अंदर पुलिस को इससे संबंधित कागजात न्यायालय में प्रस्तुत करना है, ऐसा नहीं होने पर संबंधित कोर्ट को इसकी सूचना देना आवश्यक है, उन्होंने इससे संबंधित नियमों और नीतियों का विस्तृत वर्णन भी किया, लोगों ने उनसे कई सवाल भी पूछे।
उन्होनें दुर्घटना के बाद के गोल्डन आवर पर विशेष जोर देते हुए गुड सेमिटरन के बारे में जानकारी दी।
इससे पूर्व कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन सभी अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर किया, मंच का संचालन प्राधिकार के सदस्य विकास दोदराजका और श्रद्धा बोस ने किया जबकि अतिथियों का स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन प्राधिकार के सचिव राजीव कुमार सिंह ने किया।
इस अवसर पर जिला न्यायालय के सभी न्यायिक पदाधिकारी, उपायुक्त कुलदीप चौधरी, 
एल ए डी सी के उप प्रमुख सुरेन्द्र प्रसाद दास, ज़िला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री रामेश्वर प्रसाद, सचिव ऑगस्टिन कुल्लू, अधिवक्तागण, स्वास्थ्य विभाग से चिकित्सक, पुलिस पदाधिकारीगण, पी एल वी, न्यायिक कर्मचारीगण और अन्य हित धारक उपस्थित थे।

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