*झारखंड सरकार ने किए बड़े प्रशासनिक फेरबदल: विप्रा भाल बने राज्यपाल के प्रधान सचिव, नितीन मदन कुलकर्णी को कृषि विभाग की जिम्मेदा

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*झारखंड सरकार ने किए बड़े प्रशासनिक फेरबदल: विप्रा भाल बने राज्यपाल के प्रधान सचिव, नितीन मदन कुलकर्णी को कृषि विभाग की जिम्मेदारी*

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता 

*रांची*: झारखंड सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था में बड़ा फेरबदल करते हुए कई महत्वपूर्ण पदों पर नए अधिकारियों की नियुक्ति की है। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, विभिन्न विभागों के कई आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया है। इस कदम को सरकार की प्रशासनिक क्षमता को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

*विप्रा भाल को मिली राज्यपाल के प्रधान सचिव की जिम्मेदारी*  
विप्रा भाल, जो वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेन्स विभाग के सचिव के रूप में कार्यरत थे, को झारखंड के राज्यपाल का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है। विप्रा भाल की नियुक्ति को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि वे पहले से ही वाणिज्य कर विभाग और झारखंड कम्युनिकेशन नेटवर्क लिमिटेड (JCN) के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे। भाल का अनुभव और प्रशासनिक कौशल इस नई भूमिका में उनके लिए सहायक साबित होगा।

*नितीन मदन कुलकर्णी बने कृषि विभाग के प्रधान सचिव*  
झारखंड के राज्यपाल के प्रधान सचिव पद से हटाए गए नितीन मदन कुलकर्णी को अब कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है। इस विभाग में उनकी नियुक्ति से राज्य के कृषि क्षेत्र में सुधार और विकास की उम्मीद जताई जा रही है। कुलकर्णी का प्रशासनिक अनुभव और उनके द्वारा पहले निभाई गई जिम्मेदारियाँ उन्हें इस नई भूमिका के लिए उपयुक्त बनाती हैं।

*अन्य महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ और बदलाव:*

1. *मस्त राम मीना*: योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव मस्त राम मीना को अब पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। यह विभाग राज्य में पेयजल आपूर्ति और स्वच्छता से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए महत्वपूर्ण है।

2. *सुनील कुमार*: पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार को नगर विकास एवं आवास विभाग के साथ-साथ JUICO और ग्रेटर रांची विकास एजेन्सी (GRDA) का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। सुनील कुमार को यह अतिरिक्त जिम्मेदारी देते हुए सरकार ने राज्य में शहरी विकास की गति को तेज करने का संकेत दिया है।

3. *डॉ. अमिताभ कौशल*: वर्तमान में खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव डॉ. अमिताभ कौशल को सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेन्स विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही उन्हें वाणिज्य कर विभाग का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। डॉ. कौशल के पास पहले से ही सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन का व्यापक अनुभव है।

4. *मनीष रंजन*: भवन निर्माण विभाग के सचिव मनीष रंजन को निदेशक, कृष्ण लोक प्रशासन संस्थान, झारखंड के पद पर स्थानांतरित किया गया है। यह संस्थान राज्य के अधिकारियों के प्रशिक्षण और प्रशासनिक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

5. *राजेश कुमार शर्मा*: पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा को आपदा प्रबंधन प्रभाग के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। यह विभाग राज्य में प्राकृतिक आपदाओं के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है।

6. *अबुबक्कर सिद्दीख*: कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबुबक्कर सिद्दीख को वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है। राज्य के पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों को देखते हुए यह नियुक्ति काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

7. *अरवा राजकमल*: मुख्यमंत्री के सचिव अरवा राजकमल को भवन निर्माण विभाग के सचिव के पद पर स्थानांतरित किया गया है। उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के निर्माण कार्यों की देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही उन्हें कई अन्य अतिरिक्त प्रभार भी दिए गए हैं, जिनमें राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास का कार्य शामिल है।

8. *समीरा एस.*: प्रतीक्षारत समीरा एस. को निदेशक-सह-सदस्य सचिव, झारखंड राज्य बाल संरक्षण संस्था के पद पर नियुक्त किया गया है। उनके जिम्मे राज्य पोषण मिशन, जलछाजन मिशन और सामाजिक सुरक्षा विभाग के अतिरिक्त प्रभार भी हैं। इन क्षेत्रों में समीरा एस. की नियुक्ति राज्य में बाल कल्याण और पोषण मिशन को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में अहम कदम है।

*प्रशासनिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम*  
झारखंड सरकार के इस व्यापक प्रशासनिक फेरबदल को राज्य में शासन व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। विभिन्न विभागों में अधिकारियों की नई तैनाती से सरकार की योजनाओं के कार्यान्वयन में गति लाने और विकास कार्यों को अधिक प्रभावी ढंग से संपन्न करने में मदद मिलेगी।

इस कदम से राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में न केवल नया जोश आएगा, बल्कि इससे राज्य के विकास कार्यों में भी तेजी आने की उम्मीद है।

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