सीएम के निजी कार्यक्रम के ड्यूटी पर स्कूली बसें, इसलिए कर दी गई बच्चों की छुट्टी बिना परमिट,बिना चेकिंग के कैसे चली बसें

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सीएम के निजी कार्यक्रम के ड्यूटी पर स्कूली बसें, इसलिए कर दी गई बच्चों की छुट्टी

बिना परमिट,बिना चेकिंग के कैसे चली बसें

रांची।झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के पांच जिलों की  माता-बहनों को मईया योजना कार्यक्रम को देखते हुए राजधानी रांची के प्राइवेट स्कूल बंद कर दिया गया। इसकी वजह ये है कि सभी स्कूल बसों को योजना के लाभार्थियों को लाने के लिए इस्तेमाल किया जाना था।

राजधानी रांची के नामकुम के खोजा टोली ट्रेनिंग ग्राउंड में कार्यक्रम किया गया जिसमें रांची के साथ-साथ खूंटी, सिमडेगा, गुमला और लोहरदगा जिले की माता बहनों को स्कूल बंद करा कर  स्कूली बसों को बुधवार को भेजा गया। 
रांची जिला के सोशल मीडिया प्रभारी दीपम बनर्जी ने कहा कि प्रशासन द्वारा कहीं भी कोई चेकिंग नहीं किया जा रहा था। कोई भी बस बिना रूठ परमिट के कैसे चलने दिया गया। क्या प्रशासन हेमंत सरकार की कठपुतली बन कर रह गई है? क्या उन्हें अपने पद का कोई जवाबदेही नहीं है? क्योंकि जब भाजपा की 23/08/24 को आक्रोश रैली थी तो हर एक चेक पोस्ट पर चेकिंग कर जबरन यह बोल कर फाइन काटा जा रहा था की यह सब बसें बिना परमिट के इस रूट पर चल रहे हैं। 04/09/24 को कहां गए चेकिंग करने वाले प्रशासन के अधिकारी ? उन्हें क्या नहीं दिखाई दिया कि कैसे स्कूलों को बंद करा कर बिना परमिट के बसों को सभी जगह से चलाया गया। सैकड़ों बसे लोहरदगा से लोगों को लेकर बिना परमिट के राँची पहुँचे। 23/08/24 को हुए भाजपा रैली को लेकर लोहरदगा डीटीओ संजय कुमार से बात चीत पर उनका कहना है कि कोई भी पार्टी के कार्य में स्कूल बस का प्रयोग वर्जित है यह सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर है। कल के कार्यक्रम में कहाँ गया उनका यह निर्देश? संजय कुमार का यह तक कहना था कि बिना रूट पास के बस का परमिट के नाम पर फाइन काटा जाएगा व उनके द्वारा उनके निर्देश पर 23/08/24 को बेड़ो के चट्टी में जबरन परमिट के नाम पर फाइन काटा गया। क्या उनके द्वारा लोहरदगा से भेजा गया एक भी बस का परमिट रूट पास राँची के नामकुम तक का था? दीपम बनर्जी द्वारा 03/09/24  को ही ट्विटर एवम् फ़ेसबुक के माध्यम से लोहरदगा व राँची डीसी को टैग कर गाड़ियों के काग़ज़ात चेक करने का अनुरोध किया गया था। यहाँ तक कि एक दिन पूर्व 03/09/24 को ही लोहरदगा डीटीओ संजय कुमार, राँची डीटीओ अखिलेश कुमार को भी व्हाट्सएप के माध्यम से सरकार का निजी एजेंट ना बन कर अधिकारी के रूप में बस रूट परमिट चेक करवाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था।
वहीं उन्होंने कहा कि 04/09/24 को सीएम के निजी कार्यक्रम को देखते हुए राजधानी रांची के प्राइवेट स्कूल कल बंद थे. वजह ये है कि सभी स्कूल बसों को योजना के लाभार्थियों को लाने के लिए इस्तेमाल किया जाना था. इसके चलते प्राइवेट स्कूलों को बंद कर दिया गया था बच्चों की पढ़ाई बाधित कर की गई। इसको लेकर जिला प्रशासन ने निजी स्कूलों के प्रिंसिपल और बस मालिकों को उनकी बसों को जिला परिवहन कार्यालय में जमा करने के लिए कहा था। क्या बच्चों के पढ़ाई से झारखंड सरकार को कोई लेना देना नहीं है, ज्यादा जरूरी है स्कूलों को बंद कराके अपने निजी कार्यक्रम के लिए रैली ले जाना। वर्तमान सरकार में कुछ अधिकारी भी उनका निजी एजेंट बन कार्य कर रही है।

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