सीयूजे में धूमधाम से मनायी गयी अबुल कलाम आजाद की जयंती
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
रांची: झारखण्ड केन्द्रीय विश्वविद्यालय, राँची में मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयन्ती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर शिक्षा विभाग की डॉ. नीरा गौतम ने मौलाना आजाद के जीवन के संघर्षों, उनके कृतित्व, तथा भारतीय शिक्षा प्रणाली में उनके योगदान पर विस्तृत प्रकाश डाला। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) विमल किशोर ने अपने सम्बोधन में कहा कि मौलाना आजाद के जीवन के आदर्शों को अपनाकर युवा पीढ़ी एक समृद्ध एवं शिक्षित भारत का निर्माण कर सकती है।
उन्होंने मौलाना आजाद के विचारों से प्रेरणा लेने पर बल दिया, जो कि समग्र शिक्षा के महत्व पर जोर देते थे। कार्यक्रम के दौरान विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा “ख्वाबों की कैद” शीर्षक से एक नाटक का मंचन किया गया, जिसमें छात्रों ने शिक्षा जगत की चुनौतियों और उसके सुधारों को लेकर एक संदेशप्रद प्रस्तुति दी। इस नाटक में तनया, शिवाशिश मिश्रा, सुभाश्री, हेमन्त, अल्फा, पुष्कर, शिखा, एनी आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नाटक के माध्यम से उन्होंने यह दिखाया कि शिक्षा की गुणवत्ता और उपलब्धता में सुधार के लिए किस प्रकार के प्रयास आवश्यक हैं। इस अवसर पर विभाग के संकायाध्यक्ष प्रो. तपन कुमार बसंतीया, डॉ. मानवी यादव, डॉ. शिल्पी राज, डॉ. जयश्री महंती और शिक्षा विभाग के अन्य शिक्षकगण भी उपस्थित थे। सभी ने मिलकर मौलाना आजाद के सिद्धांतों और शिक्षाओं को जीवन में उतारने का संकल्प लिया।
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