दिवाली पर पटाखों के शोर से हवा हुई जहरीली: दिल्ली-एनसीआर में AQI खतरनाक स्तर पर

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न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

*नई दिल्ली:* सरकार और सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेशों के बावजूद, दिल्ली-एनसीआर में दिवाली की रात लोगों ने जमकर पटाखे जलाए, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र की वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित हुई। दिवाली की रात कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 900 के पार पहुँच गया। हालांकि, शुक्रवार सुबह इस स्तर में कुछ गिरावट देखने को मिली, लेकिन प्रदूषण का स्तर अभी भी बेहद गंभीर श्रेणी में बना हुआ है।

शुक्रवार सुबह छह बजे के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में प्रदूषण का स्तर 350 AQI से ऊपर रहा। आनंद विहार में प्रदूषण का स्तर 395 दर्ज किया गया, जो पूरे दिल्ली में सबसे अधिक है। इसके अलावा, अशोक विहार में 384, मथुरा रोड पर 369, आया नगर में 352, अलीपुर में 350 और चांदनी चौक में 336 AQI दर्ज किया गया।

पटाखों पर प्रतिबंध और उल्लंघन

दिल्ली सरकार ने 14 अक्टूबर को पूरे शहर में पटाखों के उत्पादन, स्टोरेज, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो 1 जनवरी, 2025 तक लागू रहेगा। इसके बावजूद, दिवाली की रात पुलिस की मौजूदगी में भी लोग पटाखे जलाते हुए नजर आए। इस स्थिति ने सरकार के दावों पर सवाल उठाए हैं कि वह पटाखा जलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।

पिछले वर्षों की तुलना

इस साल दिवाली पर प्रदूषण का स्तर पिछले तीन वर्षों में सबसे खराब रहा है। दिल्लीवासी इस बार धुंध की मोटी परत के साथ जागे। पिछले वर्षों में दिवाली पर AQI का स्तर निम्नलिखित रहा:

- *2015:* AQI 343
- *2016:* AQI 431
- *2017:* AQI 319
- *2018:* AQI 281
- *2019:* AQI 337
- *2020:* AQI 414
- *2021:* AQI 382
- *2022:* AQI 312
- *2023:* AQI 218

मौसम की भूमिका

इस वर्ष मौसम ने भी प्रदूषण की स्थिति को और चिंताजनक बना दिया है। हवा नहीं चलने के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है और तापमान में गिरावट भी नहीं आई है। दिल्ली में न्यूनतम तापमान शुक्रवार को 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के औसत तापमान से 4.9 डिग्री अधिक है।

निष्कर्ष

दिवाली के बाद प्रदूषण का यह खतरनाक स्तर सभी उम्र के लोगों के लिए स्वास्थ्य संकट पैदा कर सकता है। अब सभी को इस दमघोंटू हवा का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।

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