किताबी दुनिया के बाहर भी प्राप्त किया जा सकता है ज्ञान : प्रो. शरद सिन्हा

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 न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

रां‍ची: झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) व दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय  (सीयूएसबी) के संयुक्त तत्वावधान में  ऑन लाइन माध्यम में  राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित  आठ दिवसीय (21- 29 अक्टूबर) फैकल्टी डेव्लपमेंट प्रोग्राम  के तीसरे दिन आज  दो सत्रों का आयोजन किया गया। पहले सत्र में वक्ता के रूप में इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय  के  स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया स्टडीज के निदेशक प्रो. के एस अरुल सेलवन प्रतिभागियों से जुड़े। भारत में कौशल आधारित शिक्षा विषय पर उनके व्याख्यान को प्रतिभागियों ने रूचिपूर्वक सुना। अपने व्याख्यान के दौरान प्रो. के एस अरुल सेलवन ने अनौपचारिक अधिगम के संस्थागतकरण, शिक्षा में मीडिया की भूमिका, शिक्षण संस्थानों में आधारभूत संरचना की जरूरत जैसे विषयों पर अपने ज्ञान को प्रतिभागियों के साथ साझा किया। 

साथ ही उन्होंने कौशल आधारित शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया। वहीं दूसरे सत्र में एनसीईआरटी के टीचर एजुकेशन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. शरद सिन्हा ने ''पेडागॉजिकल प्रैक्टिसेज फॉर फॉस्टरिंग फ्यूचरिस्टिक स्किल ऑफ ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी लर्नर्स '' विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने प्रतिभागियों को सामाजिक परिवर्तन, स्मृति के प्रकार, अंतर विभागीय शिक्षा, समय समय पर छात्रों के उत्साह वर्धन, शिक्षा में मिसइनफॉर्मेशन, इसके अर्थ एवं महत्व के बारे में प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन किया। उन्होंने किताबी दुनिया के बाहर से भी ज्ञान प्राप्त करने की सलाह दी, इसी क्रम में अध्यापन में क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटीव थिंकिंग एवं प्रॉब्लम सॉल्विंग के महत्व को उजागर किया 
कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. सुदर्शन यादव (सीयूजे, जनसंचार विभाग ) एवं डॉ सुजीत कुमार (सीयूएसबी, जनसंचार विभाग) ने किया। कार्यक्रम का  संचालन डॉ. सुदर्शन यादव (सीयूजे, जनसंचार विभाग) ने किया एवं अलीशा और आनंद ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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