झारखंड में पेसा लागू करने की मांग, मॉडल ग्रामसभा का होगा गठन
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
रांची: पेसा के तहत पारंपरिक मॉडल ग्रामसभा का ढांचा कैसा हो? इस पर आज रविवार को आदिवासी स्वशासन अधिकार मंच द्वारा रांची के नामकुम स्थित बगईचा के सभागार में एक कार्यशाला आयोजित की गयी. PESA नियमावली को लागू कराने के उद्देश्य से हर गांव स्तर पर मॉडल ग्रामसभा गठन करने की जरूरत आन पड़ी है, जो पत्राचार के माध्यम से दबाव बनाने का काम करेगा.
इसी उद्देश्य से झारखण्ड के अनुसूचित जिलों संताल परगना , गुमला, सिमडेगा, खूंटी , प.सिंहभूम ,पू.सिंहभूम , सरायकेला खरसावां जिले के करीब 24 गांवों के पारम्परिक ग्राम प्रमुखों ने भाग लिया । इस कार्यशाला में ग्रामसभा गठन की प्रक्रिया में इन मुख्य बिन्दुओं पर गौर करते हुए पूरे दिन की कार्यवाही चली ।
1) नियंत्रण का मॉडल कैसा हो
2) विभिन्न मदों का प्रबंधन का मॉडल कैसा हो?
3)भूमि , संस्कृति तथा ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण का मॉडल कैसा हो ?
4) ग्रामसभा में गांव के विकास का मॉडल, प्लानिंग और कार्य-निष्पादन कैसे हो ?
5) बाहरी अवांछित तथा असमाजिक तत्वों से ग्राम सुरक्षा
6) पारम्परिक न्याय प्रणाली को सिस्टेमेटिक बनाना और कोल्हान के "न्याय पंच" के तर्ज पर पूरे राज्य के आदिवासी पारम्परिक स्वशासन के इलाके में लागू करना।
इस कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों का सक्रिय योगदान रहा। सभी ने अपने अनुभव और बहुमूल्य सुझाव दिये ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में वाल्टर कुंडलना, घनश्याम बिरुली, रामचंद्र उरांव, सुषमा बुरुली, रोज खाखा, विनीत मुंडू, कृष्णा समड, प्रकाश कोनगाड़ी, सुदर्शन भेंगरा, मनमसीह गुड़िया, जागरण मुर्मू, सोमाय मार्डी, गणेश मुर्मू और कई लोगों का सहयोग रहा.
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