टुंगरी में विवादित भूमि का समतलीकरण ग्रामीणों ने रोका

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कहा, मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, ऐसे में जमीन से छेड़छाड़   गैरकानूनी

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता 

चाईबासा : सदर अंचल क्षेत्र के टुंगरी में स्थित बंद पड़ी नेवटिया माइंस एंड इंडस्ट्रीज की विवादित भूमि को लेकर ग्रामीण फिर आंदोलित हो गये हैं। जैसे ही ग्रामीणों को पता चला कि इस भूमि पर उच्च न्यायालय की रोक के बावजूद दूसरा पक्ष द्वारा समतलीकरण कार्य किया जा रहा है, उन्होंने कार्यस्थल पर पहुंचकर कार्य रुकवा दिया। कार्य में लगे मजदूरों को भगा दिया।  कोल्हान भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां के नेतृत्व में ग्रामीणों ने कार्य में लगे एक जेसीबी तथा एक ट्रैक्टर को भी रोक दिया। 

कार्यस्थल पर दूसरे पक्षकार बनवारी लाल नेवटिया भी मौजूद थे।  दोनों पक्षों में तीखी बहस हुई। विनोद कुमार सावैयां ने कहा, यह भूमि विवाद अब उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। भूमि पर रोक भी लगी है। ऐसे में इस भूमि का समतलीकरण गैरकानूनी है। न्यायपालिका की अवहेलना है। जिला प्रशासन से इसकी शिकायत अवश्य की जायेगी। वहीं, श्री नेवटिया ने इस तरह अचानक आकर कार्य रुकवाना गैरकानूनी है। इस दौरान विनोद कुमार सावैयां, डीबर देवगम, चाहत देवगम, हेलेन देवगम, विशाल देवगम आदि मौजूद थे।

कार्य रुकवाने के बाद अंचलाधिकारी से शिकायत


कार्य रुकवाने के बाद कोल्हान भूमि बचाओ समिति की ओर से सदर अंचलाधिकारी से इसकी लिखित शिकायत की गयी। शिकायत में श्री सावैयां ने कहा है कि  टुंगरी में डीबर देवगम समेत अन्य तीन रैयतों की पुश्तैनी जमीन है जो बनवारी लाल नेवटिया के अवैध कब्जे में है। अब यह मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। भूमि पर कोर्ट का प्रतिबंध भी लगा है। बावजूद नेवटिया ने छह अक्तूबर को एक जेसीबी व एक ट्रैक्टर की मदद से भूमि का समतलीकरण करवाया। इसके पूर्व एक आवास भी बनवा लिया।

 यह कोर्ट की रोक का उल्लंघन है। जमीन चहारदीवारी के अंदर स्थित है। मतकमहातु के रैयत डीबर देवगम (1.40 एकड़), चाहत देवगम (0.50 एकड़), विशाल देवगम (0.87 एकड़), भगवान देवगम (0.74 एकड़) इस भूमि के स्वाभाविक अंशदार व उत्तराधिकारी हैं। श्री सावैयां ने पत्र में कोर्ट की रोक के उल्लंघन के लिये श्री नेवटिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। 

 सावैयां ने ये भी कहा है कि जल्द ही नेवटिया के खिलाफ भुक्तभोगियों की ओर से अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत कोर्ट में मुकदमा दायर किया जायेगा।  इधर डीबर देवगम ने कहा कि जमीन पर कानूनी रोक के बावजूद आवास बनाना अवैध है। इसके लिये नेवटिया पर कार्रवाई होनी ही चाहिये।

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