टाटा डी.ए.वी. में हिंदी पखवाड़ा मनाया गया
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
गुवा।टाटा डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल, नोवामुंडी में विगत 14 सितम्बर से 30 सितम्बर तक हिंदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया | कार्यक्रम की समाप्ति आज दिनांक – 01.10.2024, मंगलवार को विद्यालय परिसर में किया गया | बतौर मुख्य अतिथि डॉ० उमंग भारद्वाज (चिकित्सक ,TMH, नोवामुंडी) ने अन्य अतिथियों अभिश्वेता त्रिपाठी, (उद्भट विचारिका एवं कुशल गृहिणी, नोवामुंडी ), श्री उदय शंकर (सीनियर DPO , बड़ा जामदा), श्री वृजेन्द्र कुमार (थाना प्रभारी , रेलवे स्टेशन , डांगोवापोसी), श्री प्रशांत कुमार भूयान (प्राचार्य ,टाटा डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल, नोवामुंडी) के साथ कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की |
अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया | विद्यालय की संगीत मंडली ने स्वागत गीत (आपका है मान्यवर शुभ स्वागतम) गाकर अतिथियों का स्वागत किया | कक्षा तीन के बच्चों ने “भारत देश” कविता का गायन किया जिसकी टोली प्रमुख थी अदिति चौधरी | फिर कक्षा – 10 के बच्चों ने सांस्कृतिक नृत्य “मंगलाचरण” की प्रस्तुति दी, जिसकी मंडली प्रमुख थी कोमल कुमारी | नदियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए कक्षा 5 के शताक्षी मिश्र ने अपनी मंडली के साथ “नदी” कविता की नृत्य के साथ प्रस्तुति दी|
विद्यालय के संगीत शिक्षक अरबिंद ठाकुर ने टोली प्रमुख मीनाक्षी लाल की टोली द्वारा हिंदी दिवस गीत प्रस्तुत किया – हिंदी हमारी बिलकुल ही न्यारी| कक्षा छठी के बच्चों ने टोली प्रमुख बिस्वस्मिता मानसिंह के साथ रहीम के दोहे गाकर मानवता का सन्देश दिया | कक्षा 12 के श्रृष्टि मिश्र ने कूट प्रश्नोत्तरी द्वारा बच्चों का सामान्य ज्ञान जांचा | मुख्य अतिथि श्री उमंग भारद्वाज ने कहा कि हिंदी बोलचाल की भाषा है| सरल एवं सहज होने के कारण ये अत्यंत लोकप्रिय है| हमें पूरी निष्ठा से इसे सहेजना चाहिए |
कार्यक्रम के अगले पड़ाव में कक्षा 12 के बच्चों ने - हिंदी बीमार है (लघु नाटिका) प्रस्तुत किया , जिसकी टोली प्रमुख थीं अनन्या राज | प्राचार्य श्री प्रशांत कुमार भूयान ने बच्चों को संबोधित करते हुए हिंदी के विकास यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डाला | प्राचार्य ने कहा कि हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को ही संविधान सभा ने यह निर्णय लिया था कि हिन्दी केन्द्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी।
चूंकि भारत मे अधिकतर क्षेत्रों में हिन्दी भाषा बोली जाती थी, इसलिए हिन्दी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया और इसी निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है।
स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्थापित करवाने के लिए काका कालेलकर, हजारीप्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्ददास आदि साहित्यकारों को साथ लेकर व्यौहार राजेन्द्र सिंह ने अथक प्रयास किये।धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ शिक्षक श्री सुरेश पंडा के द्वारा किया गया | कार्यक्रम का समापन शांति पाठ एवं राष्ट्रगान गाकर किया गया | मंच सञ्चालन कक्षा 11 के प्रेरणा बड़ाइक एवं जय गोप ने संयुक्त रूप से किया |
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