17 वीं राष्ट्रीय कुड़ुख कार्यशाला 11 से 13 अक्टूबर को भोपाल में

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न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता  

रांची : आदिवासी लूर अड्डा, रांची में कुँड़ुख लिटरेरी सोसायटी ऑफ इंडिया - नई दिल्ली के अध्यक्ष सह जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय, रांची विश्वविद्यालय रांची के पूर्व समन्वयक  की अध्यक्षता में तीन दिवसीय 17 वीं राष्ट्रीय कुँड़ुख  कार्यशाला हेतु एक आवश्यक बैठक आयोजित की गई। 11 से 13 अक्टूबर को आयोजित होने वाली इस कार्यशाला में झारखंड, बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, असम, अंडमान-निकोबार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली व कोलकाता चैप्टर से लगभग 250 कुँड़ुख भाषा के साहित्यकार, प्रोफेसर, बुद्धिजीवी, शिक्षक, भाषा प्रेमी, भोपाल - मध्य प्रदेश के ऑडिटोरियम "कैंपियन स्कूल" में आयेंगे। मौके पर साहित्यिक गतिविधि, कुँड़ुख भाषा को संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल करने, कुँड़ुख शोध पत्रिका का 

विमोचन, कुँड़ुख पुस्तकों का लोकार्पण के साथ-साथ भाषा संस्कृति के संरक्षण व संवर्द्धन हेतु विचार-विमर्श की जाएगी। डॉ हरि उराँव ने बताया कि कार्यशाला में झारखंड चैप्टर से कुल 61 भाषा प्रेमी शामिल हो रहे हैं, जिसमें रांची विश्वविद्यालय, रांची के विभिन्न कॉलेज व विभाग से सहायक प्राध्यापक डॉ. बन्दे खलखो, प्रो. धीरज उरांव, प्रो. कीर्ति मिंज एवं शोधार्थी सुखराम उरांव, लखन उरांव, प्रियंका उरांव, लक्ष्मण उरांव, जगदीश उरांव, पुष्पा किस्पोट्टा, पुष्पा तिग्गा, गणेश उरांव व छात्र-छात्राएं 8 अक्टूबर के शाम 8 बजे हटिया स्टेशन से प्रस्थान करेंगे। बैठक में मुख्य रूप से प्राध्यापक डॉ. बन्दे खलखो, प्रो. कीर्ति मिंज, शिक्षक विजय कुमार यादव एवं शोधार्थी सुखराम उरांव, लखन उरांव, प्रियंका उरांव, लक्ष्मण उरांव, कृष्णा उरांव, जगदीश उरांव एवं छात्र-छात्राओं में करमा उरांव, रविंद्र उरांव उपस्थित थे।

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