NUSRL में वन्यजीव संरक्षण पर सेमिनार: पलामू में टाइगर की संख्या बढ़ाने और साहिबगंज में डॉल्फिन संरक्षण की पहल

various

न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

रांची:  झारखंड सरकार और वन विभाग ने आज नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (NUSRL) रांची में वन्यजीव संरक्षण सप्ताह के तहत सुस्त भालू, बाघ और डॉल्फिन के संरक्षण पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में एनयूएसआरएल और बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों ने भाग लिया।
सेमिनार में सुस्त भालू के संरक्षण पर डॉ. हरेंद्र सिंह, बाघ के संरक्षण पर रिटायर्ड प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रदीप कुमार और डॉल्फिन के संरक्षण पर गौतम ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की डॉ. शोवोना ने वेबिनार के माध्यम से डॉल्फिन के संरक्षण के खतरों पर चर्चा की।

कार्यक्रम में रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बसंत उरांव, डीएफओ अवनीश कुमार चौधरी, आईएफएस प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव, मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) एसआर नटेशा सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे।
सेवा निवृत PCCF प्रदीप कुमार ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "बाघ अत्यंत मजबूत जीव हैं और माइनस 30 डिग्री से लेकर 40 डिग्री तक के तापमान को सहन कर सकते हैं।" उन्होंने बेतला नेशनल पार्क और पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की स्थिति के बारे में भी जानकारी दी और बताया कि उनकी संख्या बढ़ाने के लिए रेलवे लाइन को शिफ्ट किया जा रहा है।
डॉल्फिन के संरक्षण पर गौतम ने बताया कि कैसे उनकी गिनती की जाती है और साहेबगंज में वन विभाग के कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई है। डॉ. शोवोना ने बताया कि डॉल्फिन का शिकार तेल के लिए किया जा रहा है और मछली पकड़ने के दौरान इस्तेमाल होने वाले जाल भी उनके लिए खतरा हैं।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को मोमेंटम देकर सम्मानित किया गया। डीएफओ अवनीश कुमार चौधरी ने NUSRL के वीसी डॉ. प्रो अशोक आर पाटिल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम की तैयारी में उनका सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण था।

follow us - https://www.facebook.com/newsmediakiran

subscribe us - https://youtu.be/4ruQTOywTvI

Related Post