नागरवाला स्कैंडल: एक रहस्यमय घोटाले की कहानी

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न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

नई दिल्ली:"द नागरवाला स्कैंडल" पुस्तक, जिसे प्रकाश पात्रा और रशीद किदवई ने लिखा है, 1971 के एक विवादास्पद घोटाले की गहन पड़ताल करती है। इस घोटाले में रुस्तम सोहराब नागरवाला ने भारतीय स्टेट बैंक से 60 लाख रुपये की ठगी की थी, और यह मामला आज भी कई सवालों और रहस्यों से भरा हुआ है।

घोटाले का सारांश

जब भी कोई संसद मार्ग, नई दिल्ली में भारतीय स्टेट बैंक के पास से गुजरता है, तो नागरवाला की कहानी याद आती है। यह घटना उस समय हुई जब नागरवाला ने इंदिरा गांधी की आवाज में बैंक से पैसे निकालने में सफलता प्राप्त की। हालांकि, इस मामले में जल्दी ही गिरफ्तारी हुई और अधिकांश धनराशि बरामद कर ली गई। फिर भी, विपक्षी नेताओं ने इस मामले को जीवित रखा, यह आरोप लगाते हुए कि इंदिरा गांधी का बैंक में एक गुप्त खाता था।

राजनीतिक संदर्भ

इस घोटाले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, यह राशि इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी के लिए थी, जो अपनी मारुति कार परियोजना के लिए हरियाणा सरकार को भुगतान कर रहे थे। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया गया। लेकिन इसके बावजूद, नागरवाला कांड एक "पहेली के अंदर एक रहस्य" बना रहा।

पुस्तक का विश्लेषण

पुस्तक में पात्रा और किदवई ने इस पेचीदा कहानी के हर पहलू को बारीकी से जोड़कर प्रस्तुत किया है। उन्होंने उल्लेख किया है कि कैसे कुछ प्रमुख व्यक्तियों की कार्रवाई अन्य मामलों की तुलना में अधिक जिम्मेदार लगती है। हालांकि, कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न अनुत्तरित रह जाते हैं, जैसे कि क्या इंदिरा गांधी या उनके सचिव ने उस दिन मल्होत्रा को फोन किया था या नहीं।

अनुत्तरित प्रश्न

लेखकों ने यह भी संकेत दिया है कि नागरवाला संभवतः एक खुफिया एजेंसी का एजेंट था जिसने अपने ज्ञान का उपयोग किया। इसके अलावा, उन्होंने मल्होत्रा के बयानों को संदेह की दृष्टि से देखा है और यह बताया है कि कैसे जांच प्रक्रिया में कई खामियां थीं।

निष्कर्ष

"द नागरवाला स्कैंडल" एक थ्रिलर की तरह है जिसमें अन्वेषक और जांच के बीच की रेखाएं धुंधली हो जाती हैं। यह पुस्तक न केवल एक अद्भुत अपराध कथा प्रस्तुत करती है बल्कि उस समय के राजनीतिक परिदृश्य को भी उजागर करती है। पाठक को इस घोटाले की जटिलताओं और रहस्यों का अनुभव होता है, जो इसे एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेज बनाता है।

पुस्तक विवरण

- *पुस्तक*: द नागरवाला स्कैंडल  
- *लेखक*: प्रकाश पात्रा और रशीद किदवई  
- *प्रकाशक*: हार्पर कॉलिन्स इंडिया  
- *पृष्ठ*: 262  
- *कीमत*: Rs 399  

यह पुस्तक उन सभी के लिए पढ़ने योग्य है जो भारतीय राजनीति और इतिहास में रुचि रखते हैं।

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