दीनदयाल उपाध्याय का 'तीसरा मार्ग' ही है वैश्विक समस्याओं का समाधान: डॉ शशांक कुलकर्णी

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न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता

रांची : झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के अंतराष्ट्रीय संबंध विभाग ने साहित्यकार व कृषि नीति वैज्ञानिक डॉ शशांक कुलकर्णी  का "दत्तोपंत ठेंगड़ी का तीसरा मार्ग: भारत के विश्वगुरु के रूप में पुनः उभरने की नींव" इस विषयपर व्याख्यान का आयोजन किया था। व्याख्यान में डॉ कुलकर्णी ने कहा कि दत्तोपंत ठेंगड़ी ने अपने 'तीसरा मार्ग' इस किताब के माध्यम से भारत का युगानुकुल जीवन दर्शन विश्वपटल पर स्थापित किया। यह भारतीय दर्शन पूंजीवाद और साम्यवाद के दोषों को दूर करने सामर्थ्य रखता है। ठेंगड़ी जी ने मानव के एकात्मिक विकास के ऊपर जोर दिया है जिससे व्यक्ति निर्माण से समाज निर्माण की प्रक्रिया को गति मिलती है। भारत हमेशा विश्वगुरु की भूमिका में रहा है। इसी कारण वैश्विक समस्याओं का समाधान करने का सामर्थ्य दत्तोपंत ठेंगड़ी के विचारों में है, जिसे आज के भारतीय युवाओं के समक्ष रखने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम की प्रस्तावना में अंतराष्ट्रीय विभाग की प्राध्यापिका डॉ अपर्णा ने कहा कि अगर हम भारत को भारतीय पद्धति से विकसित करना चाहते है तो दत्तोपंत ठेंगड़ी जैसे भारतीय दार्शनिकों के ऊपर गंभीरता से शोध कार्य करने की आवश्यकता है। इसी कड़ी में विभाग ने इस व्याख्यान का आयोजन किया है। भविष्य में भी विभाग अन्य दार्शनिकों के ऊपर व्याख्यान आयोजित करेगा। कार्यक्रम के आयोजन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास, सामाजिक विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ आलोक कुमार गुप्ता का विशेष मार्गदर्शन रहा। कार्यक्रम में विभिन्न विभाग के प्राध्यापक, शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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