झारखंड के नेताओं द्वारा लगातार सांप्रदायिक भाषण दिए जाने के खिलाफ मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से कार्रवाई की मांग
Jharkhand के नेताओं द्वारा लगातार सांप्रदायिक भाषण दिए जाने के खिलाफ मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से कार्रवाई की मांग
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
Ranchi: झारखंड जनाधिकार महासभा ने राज्य के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को पत्र लिख कर मांग की है कि हाल के दिनों में भाजपा के नेताओं के सांप्रदायिक भाषण के विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाई हो.
महासभा ने कहा है कि पिछले कई दिनों से प्रधान मंत्री, गृह मंत्री, असम मुख्यमंत्री समेत अनेक केंद्रीय मंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय नेता एवं राज्य स्तरीय नेता लगातार झारखंड में अपने चुनावी सभाओं में नफरती भाषण दे रहे हैं. लव जिहाद, लैंड जिहाद शब्दों का इस्तेमाल कर के एवं बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम पर भारतीय मुसलमानों को टारगेट कर रहे हैं और राज्य में धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं. इससे झारखंड में विभिन्न समुदायों में नफ़रत और साम्प्रदायिकता फैलने की पूरी संभावना है.
पत्र में कहा गया है कि इन नेताओं द्वारा चुनावी भाषण में विभिन्न झूठी बातों के आधार पर मुसलमानों के विरुद्ध अन्य समुदायों में धार्मिक द्वेष पैदा करने की कोशिश किया जा रहा है. यह झारखंडी समाज के तानाबाना और सांप्रदायिक सौहार्द्य के लिए हानिकारक है. गौर करें, संसद में केंद्र सरकार ने जवाब दिया है कि कानून में न लव जिहाद, लैंड जिहाद जैसे शब्द हैं और न ही ऐसे कोई मामले है. यह भी गौर करें कि उच्च न्यायलय में चल रहे बांग्लादेशी घुसपैठ से सम्बंधित मामले में केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा है कि संथाल परगना के हाल के ज़मीन विवाद के मामलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों का जुड़ाव स्थापित नहीं हुआ है. इस सम्बन्ध में झारखंड जनाधिकार महासभा व लोकतंत्र बचाओ अभियान ने अपने विस्तृत तथ्यान्वेषण में भी यही पाया था. पत्र के साथ रिपोर्ट भी दी गयी है.
महासभा ने मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को याद दिलाया है कि सर्वोच्च न्यायलय ने अपने कई आदेशों में नफरती भाषणों (हेट स्पीच) के विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाई करने का स्पष्ट दिशानिदेश दिया है. इस आधार पर मह्सभा ने मांग किया है कि कि 1) राज्य में जो भी राजनैतिक नेता धार्मिक व सांप्रदायिक नफ़रत फ़ैलाने के लिए नफरती भाषण दें, उनके विरुद्ध तुरंत क़ानूनी कार्यवाई हो, 2) आने वाले दिनों में ऐसे सभी भाषणों पर नज़र रखी जाए एवं 3) राज्य में शांति और सांप्रदायिक सौहार्द्य सुनिश्चित हो.
पत्र को महासभा की ओर से अम्बिका यादव, अजय एक्का, अफज़ल अनीस, अलोका कुजूर, दिनेश मुर्मू, एलिना होरो, किरण, कुमार चन्द्र मार्डी, जॉर्ज मोनिपल्ली, मनोज भुइयां, मंथन, नंदिता भट्टाचार्य, प्रफ़ुल लिंडा, प्रवीर पीटर, पी एम टोनी, राजा भारती, सिराज दत्ता व टॉम कावला द्वारा जारी किया गया है.
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