विजयादशमी में बड़ाजामदा फुटबॉल मैदान में रावण दहन कार्यक्रम मे उमड़ी भीड

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रावण दहन अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है- संजय कु सारदा

काम, क्रोध, मोह, अहंकार रूपी विकार रखने वाला मानव राक्षस माना जाता है - मधु कोड़ा

चाईबासा।विजयादशमी पर बड़ाजामदा फुटबॉल मैदान में रावण दहन का कार्यक्रम आयोजन किया गया। इस दौरान इस रावण दहन कार्यक्रम की अगुआई
बड़ाजामदा के उद्योगपति  संजय कु सारदा एवं अध्यक्षता मुख्य बड़ाजामदा मुखिया पार्वती देवी एवं  दुर्गा देवगम ने संयुक्त रूप से किया गया। इस दौरान बड़ाजामदा के उद्योगपति संजय कु सारदा  ने कहा कि अधर्म पर धर्म की विजय बताते हुए रावण दहन कार्यक्रम मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान फुटबॉल मैदान रावण दहन कार्यक्रम देखने के लिए श्रद्धालुओं की दो हजार से ज्यादा भीड़ पूरी तरह मैदान में देखा गया। रावण दहन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि दुर्गा देवगम ने कहा कि अधर्म का नाश करने के लिए रावण दहन का कार्यक्रम किया जाता है।साथ ही इस रावण दहन कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व  सांसद गीता कोड़ा व पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने लोगों को विजयदशमी की ढेर सारी शुभकामनाएं दे अपने विचारों को रखा । पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि दशहरे का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध करके अपनी पत्नी सीता को उसके चंगुल से मुक्त कराया था। तबसे हर साल विजयादशमी पर रावण का पुतला दहन करने की परंपरा चली आ रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा कि
मनुष्य चाहे कितना भी बड़ा राजा, पण्डित, विद्वान, वैज्ञानिक क्यों न हो अगर उसके जीवन में काम, क्रोध, मोह, अहंकार रूपी 5 विकार हैं तो वह मूर्ख या राक्षस ही माना जाएगा। इसी बात की निशानी के रूप में रावण के सिर पर गधे का सिर दिखाया जाता है। अतः मानव को सदैव अच्छे कार्य करने चाहिए ।गलत कार्यो से दूर रहना चाहिए।सभी को प्रण करना चाहिए कि अच्छाई एवं धर्म के मार्ग पर चलेंगे तथा एक उन्नतशील राष्ट्र के निर्माण में अपना अग्रणी योगदान प्रदान करेंगे। मौके पर संतोष कुमार, संतोष सिंह, आलोक पाण्डेय, रोहण दत्ता, आलोक दत्ता, राजेश सिंह, श्रवण सारदा व अन्य कई दिखे ।

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