भाजपा के विभाजनकारी एजेंडे के खिलाफ INDIA गठबंधन तुरंत झारखंडी घोषणा पत्र जारी करे
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के महज़ दो सप्ताह बचे हैं लेकिन अभी तक INDIA गठबंधन दल अपना घोषणा पत्र जारी नहीं किये हैं. भाजपा का चुनावी अजेंडा तो साफ़ है – साम्प्रदायिकता फैलाकर झारखंडी समाज को तोड़ना और राज्य के मूल मुद्दों से ध्यान भटकाना. लेकिन इसके विरुद्ध INDIA दल अगले पांच सालों के लिए अपनी सोच को लोगों के बीच अभी तक नहीं रखे हैं. भाजपा की विभाजनकारी और नफरती चुनावी अभियान के बीच जनता व राज्य के मूल मुद्दों पर न के बराबर चर्चा हो रही है.
लोकतंत्र बचाओ अभियान ने एक महीने पहले जन घोषणा पत्र जारी किया था व झारखंड आन्दोलन के सपनों के अबुआ राज बनाने के लिए कई मुद्दों को उठाया था. जन घोषणा पत्र संलग्न है. अभियान फिर से कुछ प्रमुख मुद्दों को उठाते हुए INDIA गठबंधन दलों से मांग करता है कि वे तुरंत साझा घोषणा पत्र जारी करें और उसे घर-घर तक पहुंचाएं.
अभियान का मानना है कि जिस जल, जंगल, ज़मीन, अस्तित्व, आदिवासी स्वायत्तता, पहचान व शोषण मुक्ति के लिए राज्य बना था, उन मुद्दों पर सरकार बनने के पहले 6 महीने में कार्यवाई होनी चाहिए. भूमि अधिग्रहण कानून (झारखंड) संशोधन 2017 व लैंड बैंक नीति रद्द हो. विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग का गठन हो एवं भूमिहीनों, दलितों और गरीब किसानों को जमीन दिया जाए. पेसा नियमावली बने व आदिवासी सघन क्षेत्रों जैसे कोल्हान, दामिनी कोह में छटी अनुसूची अनुरूप व्यवस्था लागू हो. सरकार बनने के 3 महीने के अन्दर सभी लंबित निजी व सामुदायिक वन पट्टों का वितरण हो. अगली सरकार 3 महीने में जन अपेक्षा अनुसार खतियान आधारित (भूमिहीनों के लिए विशेष व्यवस्था सहित) स्थानीय नीति लागू करे. साथ ही, हर स्तर की निजी और सरकारी नौकरियों में नेतृत्व और निर्णय पदों पर स्थानीय लोगों की पर्याप्त हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाए. भूमिहीन दलित व विस्थापित लोगों के इनके जाति/आवासीय प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया सरल की जाए और कैंप आयोजित कर प्रमाण पत्र बांटा जाए. अगली सरकार की प्रमुख प्राथमिकता होनी चाहिए राज्य की लचर सार्वजानिक शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक करना. इसके लिए स्वास्थ्य व शिक्षा के सभी रिक्तियां सरकार बनने के 6 महीने में भरे जायें.
राज्य में व्यापक कुपोषण को ख़तम करने के लिए सरकार बनने के तीन महीने के अन्दर आंगनवाड़ियों और विद्यालयों के मध्याह्न भोजन में सभी बच्चों को प्रति दिन अंडा दिया जाना सुनिश्चित हो एवं मध्याह्न भोजन में केंद्रीकृत किचन की व्यवस्था समाप्त हो. सरकारी योजनाओं में ज़मीनी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे और सक्रिय विकेंद्रित शिकायत निवारण प्रणाली की स्थापना की जाए.
राज्य की प्रशासनिक व पुलिस व्यवस्था भी कई बार सांप्रदायिक और गरीब-विरोधी मानसिकता के साथ काम करती है. इसे रोकना अगली सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए. लंबे समय से जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों की रिहाई की जाए एवं फर्जी मामलों में फंसे आदिवासी-मूलवासियों व वंचितों के मामलों को बंद करने के लिए उच्च स्तरीय न्यायिक जांच आयोग का गठन हो. साथ ही, मॉब लिंचिंग के विरुद्ध कानून बने.
हमें आशा है कि INDIA गठबंधन दल तुरंत साझा घोषणा पत्र जारी कर ‘अबुआ राज’ के सपने को साकार करने की ओर अगले पांच साल के लिए अपनी प्रतिबद्धता दर्शाएंगे.
अभियान की और से अफ़जल अनीस, अजय एक्का, अंबिका यादव, अमृता बोदरा, अंबिता किस्कू, अलोका कुजूर, अरविंद अंजुम, बासिंग हस्सा, भरत भूषण चौधरी, भाषण मानमी, बिनसाय मुंडा, चार्ल्स मुर्मू, दिनेश मुर्मू , एलिना होरो, एमिलिया हांसदा, हरि कुमार भगत, ज्याँ द्रेज, ज्योति कुजूर, कुमार चन्द्र मार्डी, किरण, लीना, लालमोहन सिंह खेरवार, मानसिंग मुंडा, मेरी निशा हंसदा, मंथन, मुन्नी देवी, नंदिता भट्टाचार्य, प्रवीर पीटर, पकू टुडु, रामचंद्र मांझी, राजा भारती, रमेश जेराई, रेशमी देवी, रोज़ खाखा, रोज मधु तिर्की, रिया तूलिका पिंगुआ, शशि कुमार, संदीप प्रधान, सिराज दत्ता, सुशील मरांडी, सेबेस्टियन मरांडी, संतोष पहाड़िया, टॉम कावला, विनोद कुमार
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