रांची के प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर का 6.73 करोड़ से होगा कायाकल्प, डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने दिया ये निर्देश
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
रांची-झारखंड की राजधानी रांची के प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर की तस्वीर बदलेगी. मंदिर की मरम्मत एवं पुनर्विकास के लिए कुल 673.067 लाख (छह करोड़ तिहत्तर लाख छह हजार सात सौ रुपये) की प्रशासनिक स्वीकृत दी गयी है. रांची के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने विभागीय सचिव के पत्र के आलोक में पहाड़ी मंदिर की मरम्मत्त एवं पुनर्विकास के लिए 424.543 लाख (चार करोड़ चौबीस लाख चौवन हजार तीन सौ रुपये) एवं गार्ड वॉल और बॉउंड्री वॉल निर्माण के लिए 248.524 लाख (दो करोड़ अड़तालीस लाख बावन हजार चार सौ रुपये) यानी कुल 673.067 लाख की स्वीकृति दी है.
योजना के क्रियान्वयन के लिए कार्यपालक अभियंता, एनआरईपी-1 रांची को कार्यकारी एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है, जो मुख्य अभियंता, रांची झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (रांची) द्वारा तकनीकी स्वीकृत प्राक्कलन के अनुसार ही योजना का क्रियान्वयन कराएंगे. रांची के उपायुक्त द्वारा इस योजना के लिए अनुमोदित प्राक्कलन के अनुरूप निविदा आमंत्रित कर 31 मार्च 2026 तक योजना को पूरा कराने को कहा गया है. कार्यकारी एजेंसी द्वारा योजना स्वीकृति के बाद सात दिनों के अंदर निविदा प्रकाशन एवं निविदा प्राप्ति की तिथि के अगले पांच दिनों के अंदर निविदा का निष्पादन करने का आदेश दिया गया है. निविदा निष्पादन में किसी प्रकार की कठिनाई की स्थिति उत्पन्न होने पर कार्यकारी एजेंसी को तत्काल सूचना उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है.
कार्यपालक अभियंता को दिए गए हैं ये आदेश
उपायुक्त द्वारा योजना के प्राक्कलन में दी गई विशिष्टियों एवं गुणवत्ता के अनुरूप कार्य कराने एवं बिना अनुमति के प्रावधानों में किसी प्रकार का विचलन न करते हुए अन्य विभागीय नियमों का अक्षरशः अनुपालन करना सुनिश्चित करने को कहा गया है. योजना के कार्यान्वयन के लिए कार्यपालक अभियंता, एनआरईपी-1 को ये आदेश दिए गए हैं-
योजना कार्य के कार्यान्वयन के लिए धार्मिक स्थल कार्य से संबंधित कार्यानुभव होना अनिवार्य है. योजना का कार्यान्वयन प्रशासनिक स्वीकृति की राशि के अंतर्गत तकनीकी स्वीकृति प्रदत्त प्राक्कलन के अनुरूप एवं निर्धारित समय-सीमा में ही कराया जाएगा. विभाग के अनुमोदन के बाद ही प्रशासनिक स्वीकृति की राशि से अधिक का कार्य कराया जाएगा और योजना पुनरीक्षण सामान्यतः नहीं किया जाएगा. अति आवश्यकता होने पर अपवाद की स्थिति में पूर्ण औचित्य स्पष्ट करते हुए सक्षम स्तर से पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त की जाएगी.
यदि प्रश्नगत योजना का कार्य किसी अन्य मद की राशि से स्वीकृत की गयी है या इस कार्य पर किसी अन्य मद से राशि खर्च की गयी है तो इस प्रशासनिक स्वीकृति के आलोक में प्राप्त आवंटन की राशि खर्च नहीं की जाएगी.
योजनाओं का निरीक्षण संबंधित कार्यकारी एजेंसी द्वारा नियमित रूप से किया जाएगा एवं अभिलेख में तिथि के साथ निरीक्षण टिप्पणी अंकित किया जाएगा.
योजनाओं के कार्यान्वयन में किसी प्रकार की अनियमितता की स्थिति में कार्यकारी एजेंसी कार्रवाई के पात्र होंगे.
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