झारखंड चुनाव: पांच जिलों के दुर्गम क्षेत्रों में हेलीड्रॉपिंग और विशेष वाहनों से भेजे गए चुनाव कर्मी
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
रांची।झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए सोमवार को विशेष प्रबंध किए गए। मतदान दिवस के दो दिन पूर्व पांच जिलों - पश्चिमी सिंहभूम, लातेहार, लोहरदगा, गुमला और गढ़वा के दुर्गम और दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित 225 मतदान केंद्रों पर चुनाव कर्मियों को भेजने के लिए हेलीकॉप्टर, ट्रेन और बसों का सहारा लिया गया।
इन दुर्गम क्षेत्रों में भौगोलिक चुनौतियों और सीमित पहुंच के कारण, चुनाव आयोग ने विशेष तैयारियां कीं ताकि मतदान प्रक्रिया सुचारू और सुरक्षित रूप से संपन्न हो सके। हेलीकॉप्टर की सहायता से जहां हेलीड्रॉपिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई गई, वहीं अन्य क्षेत्रों में रेलवे और बसों के माध्यम से चुनाव कर्मियों को मतदान केंद्रों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई।
चुनाव अधिकारियों के अनुसार, पश्चिमी सिंहभूम, लातेहार, लोहरदगा, गुमला और गढ़वा जैसे जिले नक्सल प्रभावित माने जाते हैं, जहां सुरक्षा कारणों से विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इन क्षेत्रों में मतदान केंद्र दुर्गम पहाड़ियों, घने जंगलों और नदी-नालों के बीच स्थित हैं, जो आमतौर पर साधारण परिवहन के माध्यम से पहुंच में कठिनाई उत्पन्न करते हैं।
ऐसे क्षेत्रों में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए, सुरक्षा बलों की तैनाती भी की गई है। चुनाव आयोग ने सभी चुनाव कर्मियों को निर्देश दिया है कि वे मतदान प्रक्रिया के दौरान पूरी सतर्कता बरतें और स्थानीय सुरक्षा बलों के साथ समन्वय बनाकर काम करें। साथ ही, सभी मतदान केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में ईवीएम मशीनों, वीवीपैट उपकरणों और अन्य चुनाव सामग्री की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।
इन जिलों में दूरस्थ मतदान केंद्रों तक चुनाव सामग्री और कर्मियों को पहुंचाने के दौरान कई बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। हेलीकॉप्टर की सहायता से चुनाव कर्मियों की त्वरित और सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित की गई, जिससे चुनाव प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न आए। साथ ही, बारिश या अन्य अप्रत्याशित परिस्थितियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी की गई हैं ताकि किसी भी स्थिति में चुनाव प्रक्रिया पर असर न पड़े।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से, इन दुर्गम मतदान केंद्रों के आसपास अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। साथ ही, मतदान के दौरान नक्सलियों की किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित सुरक्षा बलों को तैयार रखा गया है। इन क्षेत्रों में पूर्व में चुनाव के दौरान बाधाएं उत्पन्न करने के प्रयास किए गए थे, जिन्हें देखते हुए सुरक्षा और लॉजिस्टिक प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया है।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि कठिन भौगोलिक स्थितियों के बावजूद वे शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव करवाने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने मतदाताओं से भी अपील की है कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए बिना किसी भय के मतदान केंद्रों पर पहुंचे।
झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान प्रक्रिया को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए राज्य सरकार और चुनाव आयोग द्वारा की गई ये विशेष व्यवस्थाएं राज्य के लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुदृढ़ और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
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