गौ माता की रक्षा के लिए शंकराचार्य का ऐतिहासिक अभियान: सोनारी में स्वागत
न्यूज़ मीडिया किरण संवाददाता
जमशेदपुर।उत्तराखंड के ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने शुक्रवार को अखिल भारतीय गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा अभियान के तहत सोनारी में कदम रखा। यहां मल्लिक परिवार के इंद्रजीत मल्लिक ने उनका भव्य स्वागत किया।
गौ हत्याओं को रोकने का संकल्प
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, "गौ रक्षकों को जिस दिन हिंदू समाज वोट देना शुरू कर देगा, उस दिन से गौ हत्याएं थम जायेंगी।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस बदलाव से गौ हत्याओं का कर्ज उतरना शुरू हो जाएगा।
राष्ट्र परिक्रमा का उद्देश्य
22 सितंबर से अयोध्या से शुरू की गई उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत भूमि से गौ हत्या का कलंक मिटाना और गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करना है। शंकराचार्य ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक यात्रा है, जो समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य करेगी।
गौ सेवा का आध्यात्मिक महत्व
उन्होंने कहा, "भगवान को पाना है तो गौ सेवा करें। भगवान कहते हैं ‘गवां मध्ये वसाम्यहम्’, अर्थात मैं सदा गायों के बीच में ही रहता हूं।" उन्होंने ललिता सहस्रनाम का उल्लेख करते हुए बताया कि भगवती को ‘गौ माता’ कहकर संबोधित किया गया है और गौ माता मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं।
रांची की यात्रा की तैयारी
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि वे शनिवार को रांची के लिए रवाना होंगे, जहां वे गौ प्रतिष्ठा ध्वज स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि हम सनातनी केवल दूध की नहीं, अपितु आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गौ सेवा करते हैं।
इस प्रकार, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का यह अभियान न केवल गौ रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि समाज में गौ माता के प्रति सम्मान और श्रद्धा बढ़ाने का भी कार्य कर रहा है।
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